शेयर बाजार के निवेशकों को झटका

शेयर बाजार के निवेशकों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। बाजार नियामक सेबी के द्वारा नियमों में किए गए कुछ हालिया बदलाव से शेयर बाजार में निवेश करना महंगा हो सकता है। प्रमुख ब्रोकरेज फर्म जीरोधा ने इसका साफ संकेत दिया है।

जीरोधा के को-फाउंडर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन कामथ ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में बताया- एक व्यवसाय होने के नाते हमें इक्विटी डिलीवरी इन्वेस्टमेंट पर ब्रोकरेज फी लगाना पड़ सकता है, जो अभी फ्री है। साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि उनकी कंपनी डेरिवेटिव सेगमेंट यानी फ्यूचर एंड ऑप्शंस ट्रेड पर ब्रोकरेज चार्ज को बढ़ा भी सकती है।

जीरो ब्रोकरेज वाली पहली कंपनी

जीरोधा पहले इक्विटी ट्रेड डिलीवरी के मामले में चार्ज वसूल करती थी लेकिन बाद में कंपनी चार्ज को हटाकर इक्विटी ट्रेड की डिलीवरी को फ्री बना दिया था। जीरोधा 2015 में जीरो ब्रोकरेज पेश कर ऐसा करने वाली पहली डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी बनी थी। जीरोधा को सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म बनाने में इस पॉलिसी का सबसे प्रमुख योगदान है। अब जीरोधा का कहना है कि सेबी के हालिया नियमों के चलते उसे फिर से इक्विटी ट्रेड डिलीवरी पर चार्ज लगाना पड़ सकता है।

क्या कहता है सेबी का सर्कुलर

दरअसल बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजार से जुड़े विभिन्न चार्जेज को लेकर 1 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया। सेबी ने सर्कुलर में कहा कि मार्केट इंस्टीट्यूशन जो चार्ज वसूल करते हैं, उसमें और उसके बदले ग्राहकों से लिए जाने वाले चार्ज में एकरूपता होनी चाहिए। साथ ही सेबी ने ये भी कहा कि चार्ज स्ट्रक्चर स्लैब आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी ब्रोकर्स के लिए एक समान होने चाहिए, भले ही ट्रेडिंग वॉल्यूम कुछ भी हो।

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