यूपी के एक और गैंगस्टर पर शिकंजा: शाहिद पिच्चा की संपत्ति जब्त करने की तैयारी
क्राइम ब्रांच टीम को चकमा देकर भागे गैंगस्टर शाहिद पिच्चा और उसके साथियों को दबोचने के लिए कमिश्नरी पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। डीसीपी पूर्वी की अगुवाई में रेलबाजार, चमनगंज की थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच को शाहिद व उसके साथियों गिरफ्तार करने का टॉस्क सौंपा गया है। शाहिद पर 25 हजार का इनाम घोषित करने के साथ ही गैंगस्टर के तहत उसकी संपत्ति जब्त करने की तैयारी है।
चमनगंज के सईदाबाद का रहने वाला गैंगस्टर शाहिद पिच्चा 16 अप्रैल को चमनगंज में एक शादी में शामिल होने आया था। क्राइम ब्रांच को इसकी भनक लगी तो उन्होंने घेराबंदी कर दी। इसी बीच चमनगंज थाना प्रभारी मोहम्मद हमीद सिद्दीकी वहां पहुंच गए और क्राइम ब्रांच की गाड़ी बीच सड़क पर खड़ी होने की वजह से हटाने को कहने लगे। इस पर क्राइम ब्रांच के लोगों और थाना प्रभारी के बीच बहस होने लगी। शोर सुन शाहिद वहां पहुंचा और क्राइम ब्रांच की टीम की बात सुनते ही भाग गया।
इस मामले को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने शाहिद और उसके साथियों को पकड़ने की जिम्मेदारी रेलबाजार, क्राइम ब्रांच के साथ ही चमनगंज थाना प्रभारी मोहम्मद हमीद को सौंपी है। डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह की अगुवाई में यह ऑपरेशन होगा। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि डीसीपी पूर्वी की तरफ से सोमवार को शाहिद पर 25 हजार का इनाम घोषित किया जाएगा। इसके बाद इनाम की राशि को बढ़ाया जाएगा। जब तक शाहिद को सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया जाता है, तब तक पुलिस टीमें उसका पीछा नहीं छोड़ेंगी।
सफेदपोश बनने के प्रयास में है पिच्चा
शाहिद पिच्चा के खिलाफ चमनगंज, बजरिया, अनवरगंज, बेकनगंज, रेलबाजार के अलावा शहर के अन्य थानों में 40 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। शहर में लंबे अर्से तक तैनात रहे एक पुलिस अधिकारी की मानें तो छह बहनों के बीच अकेला भाई शाहिद पिच्चा मनबढ़ है। उसके मुठभेड़ और गैंगवार में मारे जा चुके डीटू गैंग के शातिरों से भी रिश्ते होने की बात सामने आ चुकी है। शाहिद उरई, हमीरपुर आदि से तमंचे खरीद कर बेचा करता था। इसके बाद मुंगेर और ईरानी पिस्टल की बिक्री करने लगा। उसके खिलाफ वर्ष 2005 में पहला मामला बजरिया में पुलिस मुठभेड़ का दर्ज किया गया। चमनगंज में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया। इसमें सेवन सीएलए भी लगाया गया।
फुरकान हत्या मामले में आया था नाम
शाहिद का नाम फुरकान की हत्या के मामले में भी आया था। इस केस के बाद पहली बार उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। इसके बाद तो शाहिद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपना गैंग खुद बनाया और हत्या, लूट, हत्या का प्रयास, एनडीपीएस के मामलों की देखते ही देखते लाइन लगना शुरू हो गई। गुंडा एक्ट और गैंगस्टर के तहत पुलिस ने कई बार कार्रवाई की। वर्तमान में पांच गैंगस्टर, छह गुंडा, नौ एनडीपीएस, छह बार आर्म्स एक्ट, बलवा समेत 40 मामले दर्ज हैं।
रिश्तेदार और करीबी भी करते मदद
शाहिद पिच्चा चमनगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसका नाम शहर के टॉप टेन अपराधियों में शामिल है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाहिद सट्टा व जुआ भी खिलाने वालों से जुड़ा है। वह मार्केट में फंसी रकम वसूलता है। इसके एवज में मोटा कमीशन लेता है। बिल्डिंग मैटेरियल का काम वाला रिश्तेदार भी शाहिद के नाम पर रौब गांठता है। अनवरगंज क्षेत्र के वॉटर बगिया में भी शाहिद के गैंग से जुड़े शातिरों का जमावड़ा लगता है। पुलिस अब शाहिद के करीबी और गैंग से जुड़े शातिरों की सूची तैयार करने में लगी है।
कुछ दिन पहले पूर्व आईपीएस के साथ हुई थी फोटो वायरल
कुछ दिन पहले एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के साथ शाहिद पिच्चा की फोटो वायरल हुई थी। इसमें पुलिस अधिकारी के साथ वह फुट पेट्रोलिंग करता हुआ दिखाई दे रहा था। इसके बाद वह कई बार थाने की पीस कमेटी की मीटिंग में भी देखा गया। पुलिस सूत्रों की माने तो उसे कुछ पुलिस वालों का संरक्षण प्राप्त रहता है। इसकी वजह से थाना पुलिस हाथ तक नहीं लगाती है।
प्रापर्टी के काम में बना ली पैठ
इन दिनों अपराधियों के दम पर विवादित मकानों को खाली कराना और छोटी- छोटी प्रापर्टियों को कम पैसे में खरीद कर ज्यादा में बेचना ही शाहिद का काम हो गया है। इस काम में उसकी मदद कुछ पुलिस कर्मी भी कर रहे है। यही पुलिस कर्मी पुलिस के मूवमेंट की जानकारी भी शाहिद को देते थे।