आज किया जा रहा है षटतिला एकादशी व्रत, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त
आज यानी 25 जनवरी को षटतिला एकादशी मनाई जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2025) तिथि पर कई शुभ योग (Today Shubh Yog) बन रहे हैं तो चलिए पंचांग (Aaj ka Panchang 2025) से जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।
माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आज यानी 25 जनवरी को है। इस तिथि पर षटतिला एकादशी व्रत किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विष्णु की पूजा और व्रत करने से बिजनेस में वृद्धि होती है और धन की प्राप्ति होती है। इस तिथि पर कई शुभ का निर्माण हो रहा है। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 25 January 2025)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 55 मिनट पर
चन्द्रोदय- 26 जनवरी को सुबह 04 बजकर 32 मिनट तक
चंद्रास्त- दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर
वार – शनिवार
ऋतु – शिशिर
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से 03 बजकर 03 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 52 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 07 मिनट से 01 बजे तक
षटतिला एकादशी का व्रत पारण अगले दिन यानी द्वादशी में किया जाता है। पंचांग के अनुसार,26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर 09 बजकर 21 मिनट तक है। इस मुहूर्त में एकादशी व्रत का पारण किया जा सकता है।
अशुभ समय
राहुकाल – सुबह 09 बजकर 53 मिनट से 11 बजकर 14 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 07 बजकर 13 मिनट से 08 बजकर 33 मिनट तक
दिशा शूल – पूर्व
नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल – अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम – वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ
भगवान विष्णु के मंत्र (Shri Vishnu Mantra)
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ विष्णवे नम:
ॐ हूं विष्णवे नम:
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।