धरती का ऐसा नजारा देख वैज्ञानिक हुए हैरान, कही यह बड़ी बात
क्या धरती पर मौजूद पहाड़ों की ऊंचाई बढ़ रही है? क्या जमीन खिसक रही है? कहीं ऐसा तो नहीं कि धरती की प्लेटें खिसकने की वजह से पहाड़ों की ऊंचाई बढ़ रही है. चुंबकीय ध्रुव बदल रहा है. इन सब के पीछे के कारण को खोजते-खोजते वैज्ञानिकों ने एक ऐसी प्राकृतिक प्रक्रिया को खोज लिया है. जिसे जानकर कोई भी हैरान रह जाएगा. धरती के अंदर केंद्र में मौजूद हिस्सा घूम रहा है. शायद यही वजह है इन सभी बदलावों का
अर्बाना कैंपेन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के वैज्ञानिकों ने इस भौगोलिक परिवर्तन को लेकर एक स्टडी की है. यह स्टडी अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस लेटर्स में प्रकाशित हुई है.
यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के वैज्ञानिकों को गहन अध्ययन के बाद इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि धरती का केंद्र यानी कोर घूम रहा है. जिसकी वजह से धरती के मैग्नेटिक फील्ड यानी चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव हो रहा है. इसी वजह से चुंबकीय उत्तरी ध्रुव कनाडा से खिसक कर साइबेरिया पहुंच गया है.
पीकिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस स्टडी के सहलेखक जियाओडोंग सॉन्ग ने कहा कि 1996 से हम इस पर अध्ययन कर रहे हैं. 1996 में हमने धरती के कोर में एक छोटा भूकंपीय परिवर्तन देखा था. वह धीरे-धीरे घूम रहा था. फिर हमने इस पर गहन अध्ययन करना शुरू किया
प्रोफेसर जियाओडोंग ने कहा कि हमने दुनिया भर के अलग-अलग स्थानों पर भूकंप के आने की दरों का अध्ययन किया. एक ही जगह पर हमने अलग-अलग समय का डेटा रिकॉर्ड किया. तब जाकर पता चला कि भूकंप के आने का दर धरती के अंदर घूम रहे कोर की वजह से कम ज्यादा हो रहा है.
प्रो. सॉन्ग ने बताया कि भूकंप की वजह से पैदा हुई भूकंपीय तरंगे धरती के कोर यानी केंद्र तक जाती हैं. अगर कोर घूमता नहीं, रुका रहता तो ये अंदर तक जा ही नहीं पाती. फिर ये तरंगें अंदर से टकराकर वापस आती हैं.
भूकंपीय तरंगों के आने-जाने के बीच का समय, उनकी दरों से पता चलता है कि धरती का केंद्र घूम रहा है. हमें इन तरंगों का रिकॉर्ड दुनियाभर के कई भूंकप केंद्रों से मिला है
धरती के केंद्र में मौजूद गर्म लोहे का केंद्र अगर घूमता नहीं तो हमें ये तरंगें वापस कभी नहीं मिलती. ये वहीं रुक जाती. जो इनर कोर में जाकर वापस लौटती है, उनके व्यवहार में बदलाव होता है. इसकी वजह से धरती के प्लेटों पर असर पड़ता है.