वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा: इस जीव के हैं चौमुखी लिंग
इस जीव का नाम एकिडना है. यह दुनिया के सबसे विचित्र जीवों में से एक है. क्योंकि पक्षियों और मछलियों की तरह अंडे देता है, लेकिन स्तनधारियों की तरह दूध भी पिलाता है. लेकिन इस जीव का सबसे बड़ा रहस्य था इसका चौमुखी लिंग . जिसे समझने की कोशिश कई सालों से चल रही थी. अब जाकर ऑस्ट्रेलिया के कुछ वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा लिया है. हालांकि अभी इस जीव को लेकर कई और अध्ययन किए जाने हैं. क्योंकि यह जीव रहस्यों का पिटारा है.
एकिडना ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला जीव है. यह जमीन खोदने वाला जंगली चूहे जैसा दंतहीन जानवर है. एकिडना के शरीर में चौमुखी लिंग होता है. लेकिन ये मादा से संबंध बनाते समय इनमें से सिर्फ दो लिंग का ही उपयोग करता है. बाकी दो शिथिल रहते हैं. नर एकिडना के पास यह सुविधा प्राकृतिक तौर पर रहती है कि यह एक बार में दो लिंग को उत्तेजित कर सकता है. संबंध बनाने के समय यह अपनी उत्तेजना को पहले दो लिंग से दूसरे दो लिंगों पर शिफ्ट कर सकता है. इसी बात से दुनिया भर के वैज्ञानिक हैरान थे.
इसका अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि एकिडना यह काम कैसे करता है यह अब तक रहस्य था. हमने पहली बार संरचनात्मक रूप से इस रहस्य से पर्दा हटा दिया है. अन्य स्तनधारियों की तुलना में इनके लिंग का आकार और बनावट भी अलग है. क्योंकि ये अपने लिंग का उपयोग सिर्फ और सिर्फ प्रजनन के लिए करते हैं. इनसे पेशाब नहीं करते. इसलिए यह एक अलग रहस्य है.
एकिडना के शरीर में क्लोआ का नाम का अंग होता है, जिसका उपयोग वो पेशाब-मल के लिए करते हैं. मादा एकिडना इनसे अंडे भी निकालती है. जब लिंग का उपयोग नहीं होता है, उस समय एकिडना अपने पेनिस को शरीर के अंदर छिपाकर रखता है. यह पेनिस उसके क्लोआका के अंदर ही रहता है. उत्तेजना के समय यह खुद-ब-खुद बाहर निकल आता है. इनके अंडकोष हमेशा शरीर के अंदर ही रहते हैं. जबकि आमतौर पर स्तनधारियों के बाहर भी होते हैं.
विचित्र प्रजनन अंग के साथ-साथ एकिडना का स्पर्म भी अजीबो-गरीब होता है. इंसानों और अन्य स्तनधारियों की तरह कोई एक स्पर्म अंडे से निषेचित नहीं करता. बल्कि स्पर्म की पूरी टीम करती है. यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के रिप्रोडक्टिव बायोलॉजिस्ट और इस जीव पर स्टडी करने वाली वैज्ञानिक जेन फेनेलोन ने कहा कि नर जब सीमेन निकालता है तो उसमें 100 स्पर्म का बंडल बनता है. ये बंडल एक साथ अपने सिरों से जुड़ा रहता है. ये जुड़कर एक बड़े गोले जैसे आकार बनाते हैं.
जेन ने बताया कि स्पर्म का यह सामूहिक बंडल ज्यादा सटीकता और समन्वय के साथ अंडे की तरफ तैरता है. जबकि इकलौता स्पर्म या कम संख्या वाले बंडल ऐसा नहीं कर पाते. हालांकि इसके पीछे की वजह आज तक पता नहीं चल पाई है. एकिडना (Echidna) के चौमुखी लिंग कैसे काम करते हैं, यह जानने के लिए जेन फेनेलोन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के एकिडना सैंक्चुरी की मदद ली. वहां कई घायल एकिडना मिले, जो सड़कों पर गाड़ियों की टक्कर से चोट खाए हुए थे.
एकिडना अगर चोट लगने के बाद ज्यादा गंभीर हालत में चले जाते हैं तो वो खुद को खत्म कर लेते हैं. यानी खुदकुशी. ऐसे कई मृत एकडिना जेन फेनेलोन को मिले, जिनके चौमुखी लिंग सुरक्षित थे. जेन और उनकी टीम ने कुछ मृत एकिडना को लिया और उनके चौमुखी लिंग का थ्रीडी मॉडल बनाया. इसे बनाने के लिए खास तरह के सीटी स्कैन की मदद ली गई. क्योंकि आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले सीटी स्कैन सिर्फ सख्त ऊतकों को ट्रेस करते हैं. नरम ऊतकों की तस्वीर लेने के लिए लिंग को आयोडीन से रंगा गया.
जेन फेनेलोन ने कहा कि थ्रीडी मॉडल बनाने का फायदा ये हुआ कि हम एकिडना के चौमुखी लिंग के हर कोने की जानकारी हासिल कर सकेत थे. साथ ही यह भी पता कर सकते थे कि लिंग के अंदरूनी हिस्से कैसे काम करते हैं. थ्रीडी मॉडल से पता चला कि यूरेथ्रल ट्यूब (Urethral tube) जिसमें से स्पर्म तैरना शुरु करता है, वह चौमुखी हिस्से के पास आकर दो अलग-अलग ट्यूब्स में चला जाता है. इसके बाद ये दो अन्य ट्यूब्स में बंट जाते हैं. लेकिन जेन और उनकी टीम को यह समझ में नहीं आया कि एक बार में दोमुखी पेनिस का उपयोग ही क्यों करता है.
जेन ने बताया कि पहले हमें लगा कि यह कोई वॉल्व मैकेनिज्म है, जिससे यह लगता है कि नर इसे जानबूझकर इसलिए करता है ताकि वह मादा को सही तरीके से गर्भवती कर सके. लेकिन बाद में यह पता चला कि यह कोई वॉल्व मैकेनिज्म नहीं है. इसके लिए एकिडना (Echidna) के लिंग में मौजूद एक खास तरह का ऊतक जिम्मेदार होता है.
स्तनधारी जीवों के लिंग में दो प्रकार के इरेक्टाइल टिश्यू (Erectile Tissue) होते हैं. पहला कॉर्पस केवर्नोसम और कॉर्पस स्पंजियोसम जब लिंग उत्तेजित होता है, तब उसमें खून की मात्रा बढ़ जाती है. लेकिन कॉर्पस केवर्नोसम लिंग को सख्त रखता है, जबकि कॉर्पस स्पंजियोसम यूरेथ्रल ट्यूब को खोलता है ताकि स्पर्म अपनी यात्रा पूरी कर सकें.
दोनों ही प्रकार के इरेक्टाइल टिश्यू लिंग के निचले हिस्से से शुरु होते हैं. ज्यादातर स्तनधारियों में दो कॉर्पस स्पंजियोसम एक साथ मिलकर एक ढांचा बनाते हैं. जबकि, कॉर्पस केवर्नोसम अलग रहता है. लेकिन एकिडना के लिंग में यह प्रक्रिया उलटी होती है. यहां पर कॉर्पस स्पंजियोसम अलग होते हैं और कॉर्पस केवर्नोसम जुड़ता है. इसी वजह से एकिडना के चौमुखी लिंग में से कोई एक जोड़ा ही उत्तेजित होता है.
जेन फेनेलोन ने कहा कि इस प्रक्रिया से नर एकिडना को क्या फायदा होता है. लेकिन इसमें शायद मादाओं को फायदा होता होगा. क्योंकि, यह प्रक्रिया स्वस्थ नर की निशानी है. क्योंकि जीवित और बेहोश एकिडना की जांच करने पर पता चला कि ये अपने चौमुखी लिंग के आधे हिस्से यानी एक जोड़े से लगातार 10 बार इजेकुलेट कर सकते हैं. वह भी बिना रुके. यह प्रक्रिया स्वस्थ नर के सही प्रजनन प्रक्रिया की निशानी माना जाता है. यह रिपोर्ट 29 अप्रैल को सेक्सुअल डेवलपमेंट जर्नल में प्रकाशित हुई है.