वैज्ञानिकों ने माना की आज भी मौजूद है रामसेतु, किये ये चौंकाने वाले खुलासे, देखें तस्वीरें

रामसेतु के अस्तित्व पर बहस होती रहती है। लेकिन अब एक साइंस चैनल ने दावा किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच बना पुल मानव निर्मित है। चैनल के मुताबिक बलुई रेखा पर मौजूद पत्थर करीब 7 हजार साल पुराने हैं।

साइंस चैनल ने सोमवार को एक वीडियो ट्विटर पर डाला, जिसमें कुछ भूविज्ञानियों और वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रामसेतु पर पाए जाने वाले पत्थर बिल्कुल अलग और बेहद प्राचीन हैं। मालूम हो कि भारतीय धर्मग्रंथों में इस पुल को रामसेतु के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि लंका जाने के लिए राम की अगुवाई में वानरसेना ने इस पुल का निर्माण किया था।

इस पुल को लेकर बनाए गए एनसिएंट लैंड ब्रिज नाम के प्रोमो को अमेरिका में बुधवार शाम साढ़े सात बजे डिस्कवरी कम्युनिशेन के साइंस चैनल पर  दिखाया जाएगा। इसमें अमेरिकी भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में रामेश्वरम के नजदीक पामबन द्वीप से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक 30 मील लंबी बनी पत्थरों की यह श्रृंखला मानव निर्मित है। इस प्रोमो को 11 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक नासा की ओर से ली गई तस्वीर प्राकृतिक है। वैज्ञानिकों ने माना की आज भी मौजूद है रामसेतु, किये ये चौंकाने वाले खुलासे, देखें तस्वीरें

दूर से लाए गए पत्थर
वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि पुल में इस्तेमाल किए पत्थरों को कहीं दूर से लाया गया है। क्योंकि पत्थर करीब 7000 साल पुराने हैं, जबकि जिस बलुई धरातल पर ये मौजूद हैं वह महज 4000 साल पुराना है। भूविज्ञानी ऐलन लेस्टर ने कहा कि पत्थर कहीं और से लाए गए हैं। हालांकि ये पत्थर कहां से और कैसे आए, यह अब भी एक रहस्य है।वैज्ञानिकों ने माना की आज भी मौजूद है रामसेतु, किये ये चौंकाने वाले खुलासे, देखें तस्वीरें

यूपीए सरकार में हुआ था बवाल
यूपीए सरकार के कार्यकाल में रामसेतु के मुद्दे पर तब भारी राजनीतिक बवाल हुआ था, जब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा दे दिया था कि जब राम का ही अस्तित्व नहीं है तो रामसेतु कैसे हो सकता है।

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