SC-“हाईकोर्ट इलाहाबाद में हो या आगरा में, यह तय करना हमारा काम नहीं”

supreme-court_landscape_1457114092इलाहाबाद हाईकोर्ट की बजाए आगरा में हाईकोर्ट बनाने की गुहार संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट कहां होना चाहिए या और कहां नहीं, हाईकोर्ट की पीठ कहां होनी चाहिए या नहीं, यह तय करना हमारा काम नहीं है। 

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट इलाहाबाद में होना चाहिए या आगरा में, इस मामले में न्यायालय का दखल नहीं बनता। पीठ ने कहा कि इस मसले का हल न्यायिक आदेशों के जरिए नहीं निकाला जा सकता।

वैसे भी हाईकोर्ट कहां होना चाहिए और कहां नहीं, इसके लिए कई कारक होते हैं। मसलन, वहां की आबादी, क्षेत्रफल आदि को ध्यान में रखना पड़ता है। इसके अलावा यह भी देखना होता है कि वहां कितने मुकदमे आते हैं। इस तरह की कई बिन्दुओं पर गौर करना होता है। पीठ ने दोटूक कहा कि हम इस पर निर्णय नहीं ले सकते।  पीठ ने यह भी कहा कि आज आगरा में हाईकोर्ट बनाने की बात हो रही है, कल कोई मेरठ में हाईकोर्ट बनाने के लिए कहेगा।

पीठ ने याचिकाकर्ता पंडित नवीन शर्मा को उचित फोरम केपास जाने केलिए कहा है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उत्तर प्रदेश का हाईकोर्ट इलाहाबाद में नहीं बल्कि आगरा में होना चाहिए। उन्होंने पीठ के समक्ष कहा कि पहले हाईकोर्ट आगरा में ही था लेकिन बाद में चार्टर के जरिए इसे इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था।  

मालूम हो कि इंडियन हाईकोर्ट एक्ट, 1961 के तहत 17 मार्च 1966 को उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के लिए आगरा में हाईकोर्ट बनाया गया था लेकिन 1969 में हाईकोर्ट को आगरा से इलाहाबाद शिफ्ट कर दिया गया था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button