SBI रिपोर्ट में खुलासा, बैंक डिपॉजिट में घटी युवा रुचि

 युवाओं में बैंकों में पैसे जमा करने का रुझान घटता जा रहा है। SBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब बैंक डिपॉजिट स्कीमों (deposit schemes) पर बुजुर्ग खाताधारकों का अधिक भरोसा है। बैंकों में कुल जमा राशि का 47% हिस्सा बुजुर्गों के खातों में है। वहीं, युवा पीढ़ी बेहतर रिटर्न की तलाश में शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसे अन्य निवेश विकल्पों की ओर आकर्षित हो रही है और यह रुझान भविष्य में भी बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शेयर बाजार के निवेशकों की औसत आयु केवल 32 वर्ष है, जिसमें से 40% निवेशक 30 वर्ष से कम आयु के हैं।

2013-14 में म्यूचुअल फंड में कुल निवेशित राशि 3.95 लाख करोड़ रुपए और एयूएम केवल 8 लाख करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2024 में 65 लाख करोड़ रुपए हो गया और निवेशित राशि 19.10 लाख करोड़ रुपए रही।

रिटर्न में बड़ा अंतर

वित्त वर्ष 2022-23 में बैंक की तीन वर्ष की जमा योजनाओं पर ब्याज दर मात्र 5.45% था, जबकि देश के सभी म्यूचुअल फंड्स ने औसतन 46.37% का रिटर्न दिया। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में सीधे शेयरों में निवेश करने पर निवेशकों को औसतन 24.85% का रिटर्न मिला, जबकि म्यूचुअल फंड्स ने 40.16% का रिटर्न दिया। इसके विपरीत, इस साल तीन वर्ष की बैंक सावधि जमा योजनाओं पर केवल 6.56% का रिटर्न मिल रहा है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, निवेशक वही विकल्प चुनेंगे जहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा।

ऋण वितरण की रफ्तार तेज

एसबीआई रिपोर्ट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की इस चिंता को भी खारिज किया है कि बैंकिग सेक्टर में जमा राशि की वृद्धि दर सुस्त हो रही है, जबकि लोन वितरण की रफ्तार तेज है। वित्त वर्ष 2022 के बाद से सरकारी बैंकों में जमा राशि में कुल 61 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है जबकि ऋण वितरण की राशि में 59 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। एक दशक में जमा राशि में 2.75 गुना और लोन राशि में 2.8 गुना की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2023-24 में बैंकों की जमा राशि में 23.4 लाख करोड़ रुपए तो लोन राशि में 27.5 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है।
 

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