‘संगिनी’ से पीरियड पॉवर्टी के खिलाफ जंग, स्कूलों में लगाए गए सैनिटरी पैड डिस्पेंसर

बिहार के बेगूसराय जिले के मंझौल क्षेत्र में पीरियड पॉवर्टी (मासिक धर्म संबंधी गरीबी) को खत्म करने और किशोरियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। संगिनी पहल के तहत दो स्कूलों में सैनिटरी पैड डिस्पेंसर और इनसिनरेटर (जलाने की मशीन) लगाए गए हैं, ताकि मासिक धर्म के दौरान छात्राओं को स्वच्छता संबंधी सुविधाएं मिल सकें और वे पढ़ाई से वंचित न हों। यह पहल नेतरहाट ओल्ड बॉयज एसोसिएशन ग्लोबल सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (NOBA GSR) नामक गैर-लाभकारी संगठन द्वारा चलाई जा रही है, जिसे प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) का समर्थन प्राप्त है।

संगिनी: ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी स्वच्छता की नई क्रांति
इस अनूठी पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्कूलों में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को सुनिश्चित करना है, जिससे लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान स्कूल छोड़ने की मजबूरी न हो। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर यह महत्वपूर्ण स्थापना की गई, जिससे यह संदेश दिया जा सके कि माहवारी एक सामान्य प्रक्रिया है और इसे वर्जनाओं के बजाय स्वच्छता और जागरूकता से जोड़ा जाना चाहिए।

देशभर में दो लाख से अधिक लड़कियों को मिला फायदा
NOBA GSR और PTI के सहयोग से संगिनी पहल को देशभर में व्यापक रूप से फैलाया गया है। अब तक इस अभियान से दो लाख से अधिक लड़कियों को लाभ मिला है। संगठन के मुताबिक, 700 से अधिक स्कूलों में सैनिटरी पैड डिस्पेंसर लगाए जा चुके हैं, जिससे किशोरियों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ी है और ड्रॉपआउट दर में कमी आई है।

तकनीकी नवाचार से सैनिटरी पैड की निरंतर उपलब्धता
इस पहल की खासियत यह है कि सैनिटरी पैड डिस्पेंसर में SIM-इनेबल्ड टेक्नोलॉजी लगी हुई है, जिससे स्टॉक की स्थिति की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा सकती है। यह सुविधा यह सुनिश्चित करती है कि सैनिटरी नैपकिन समय पर रीफिल किए जाएं, ताकि छात्राओं को कभी भी इसकी कमी का सामना न करना पड़े।

मानसिकता बदलना भी है मिशन
NOBA GSR के ऑपरेशंस मैनेजर मणि राज सिंह ने कहा कि PTI जैसी संस्थाओं के सहयोग से संगिनी पहल यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि जरूरतमंद लड़कियों तक सैनिटरी पैड पहुंच सके। लेकिन हमारा उद्देश्य सिर्फ पैड उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि मासिक धर्म को लेकर जागरूकता फैलाना और एक सकारात्मक मानसिकता विकसित करना भी है।

बेगूसराय में संगिनी का विस्तार, कोई लड़की छूटे नहीं
NOBA GSR के बेगूसराय अधिकारी सौरभ कुमार ने इस पहल के स्थानीय प्रभाव के बारे में बताया कि बेगूसराय जिले की 40 पंचायतों में 110 सरकारी स्कूलों में संगिनी पहले से ही सक्रिय है। अब PTI, SBI, BPCL, IOCL, HURL, PEPSI और सरकारी अधिकारियों के सहयोग से इसे शेष पंचायतों में भी विस्तारित करने का लक्ष्य है, ताकि कोई भी लड़की स्वच्छता सुविधाओं से वंचित न रह जाए।

नौ राज्यों में संगिनी की पहुंच
वर्तमान में संगिनी पहल बिहार, झारखंड, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल सहित नौ राज्यों में सक्रिय है। संगठन की योजना इसे मध्य प्रदेश, मेघालय, असम और अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित करने की है, जिससे अधिक से अधिक लड़कियों को इसका लाभ मिल सके।

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