सैफ की फिल्म ‘शेफ’ आज सिनेमा घरों में हुई रिलीज, ये हैं रिव्यू…

डायरेक्टर राजा कृष्णन मेनन की यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म ‘शेफ’ की आधिकारिक रीमेक है. फिल्म की कहानी नन्हें रोशन से शुरू होती है, जिसे खाने पकाने का शौक रहता है और बड़ा होकर रोशन कालरा (सैफ अली खान) अमेरिका के एक नामी रेस्टॉरेंट का घमंडी शेफ बन जाता है, जिसे एक दिन रेस्ट्रॉन्ट से इसलिए बाहर निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने एक कस्टमर को पंच मारा था.

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कस्टमर को पंच मारने के बाद रोशन को जबरन ब्रेक लेने को कहा जाता है और वह अपने बेटे अरमान (स्वर) और अलग हो चुकी पत्नी राधा मेनन (पद्म प्रिया) के साथ वक्त बिताने के लिए कोच्चि आ जाते हैं. यह ट्रिप उनके लिए काफी फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि इस दौरान वह अपनी बिखरी हुई फैमिली को समेट पाने को एक अच्छी कोशिश करते हैं. उसे उसकी अपनी खूबियों और ताकत का एहसास दिलाने के मकसद से उसकी पत्नी उसे सलाह देती है कि उसे एक नई शुरुआत करनी चाहिए और इसी क्रम में अपना एक फूड ट्रक शुरू करना चाहिए.

फिल्म: शेफ
स्टार कास्ट: सैफ अली खान, स्वर कांबले, पद्मप्रिया जानकीरमन, दिनेश प्रभाकर, चन्दन रॉय सान्याल
डायरेक्टर: राजा कृष्णा मेनन
अवधि: 2 घंटा 14 मिनट

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अगर अभिनय की बात करें तो एक शेफ के रोल में सैफ अली खान खूब जंचे हैं. इस किरदार को लेकर सैफ की मेहनत परदे पर साफ दिखाई देती है. एक नए लुक और नए अंदाज के साथ गंभीर पिता के रूप में सैफ ने शानदार अभिनय किया है. साउथ की नामी एक्ट्रेस पद्मप्रिया ने भी अपने रोल के साथ न्याय किया है जबकि बेटे के रोल में स्वर कांबले का काम भी लाजवाब है. फिल्म का संगीत औसत है. सिंगर रघु दीक्षित का गाया हुआ ‘शुगल लगा ले’ फिल्म का एक मात्र बढ़िया गीत है.

अब सवाल यहां यह उठता है कि आखिर हमें यह फिल्म क्यों देखनी चाहिए? तो बताते चलें, फिल्म ‘शेफ’ की कहानी बहुत ही साधारण है, जिसे अंत तक बहुत ही आसानी के साथ समझा जा सकता है. बावजूद इसके कहानी में नयापन है. पिता और पुत्र के ताने बाने पर तैयार इस फिल्म में कई सारे मैसेज है जो लोगों के दिल को आसानी से छू लेंगे. फिल्म का लोकेशन भी बेहद शानदार है. न्यूयॉर्क से लेकर केरल और फिर नार्थ इंडिया तक कई खूबसूरत इलाकों को इस फिल्म में दर्शाया गया है. हालांकि यह फिल्म हर तबके के लोगों को पसंद नहीं आएगी बावजूद इसके इस फिल्म को जरूर सराहा जाना चाहिए.

फिल्म की कुछ कमजोर कड़ियां भी हैं. फिल्म का ट्रीटमेंट अर्बन स्टाइल का है जिसकी वजह से शायद यह हर तबके को पसंद न आए. फिल्म में टिपिकल मसाला नहीं परोसा गया है, जो शायद मसाला वाली फिल्मों के प्रेमियों को अच्छा न लगे. फिल्म का क्लाइमेक्स भी प्रेडिक्ट किया जा सकता है, जिसे बदला जाता तो कहानी और सटीक हो जाती. फिल्म का बजट 30-40 करोड़ बताया जा रहा है.

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