रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराएगा अमेरिका, ट्रंप बोले- संघर्ष में बहाए जा रहे अमेरिकी संसाधन
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने का होगा। उन्होंने युद्ध में लोगों के मारे जाने पर दुख भी जताया है। ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार पश्चिम एशिया में भी शांति स्थापित कराने के लिए कार्य करेगी।
ट्रंप ने कहा, रूस और यूक्रेन के युद्ध को रोकने के लिए हमें कड़ा परिश्रम करना होगा। उनके बीच युद्ध रोका जाएगा। निर्वाचित राष्ट्रपति ने यह बात मार-अ-लागो में आयोजित अमेरिका फर्स्ट पालिसी इंस्टीट्यूट की बैठक में कही है। पांच नवंबर का चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने पहली बार नीतिगत मामले पर लोगों के सामने यह बयान दिया है।
संघर्ष में बहाए जा रहे अमेरिकी संसाधन- ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में ताजा रिपोर्ट देखी है। लगभग तीन वर्ष से जारी इस युद्ध में अभी तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं। ये लोग सैनिक भी हैं और आमजन भी। इसलिए हमें युद्ध रुकवाने के लिए कार्य करना होगा।
ट्रंप ने कहा, उनकी सरकार की प्राथमिकता युद्ध रुकवाने की होगी, क्योंकि यह अमेरिकी संसाधनों को बहाने जैसा मामला है। अमेरिकी संसाधनों से ट्रंप का मतलब यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता से है।ट्रंप के इस बयान के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप सरकार में युद्ध के जल्द खत्म होने की उम्मीद है। युद्ध के खत्म होने की कोई तारीख नहीं बताई जा सकती है लेकिन व्हाइट हाउस में आने वाली नई सरकार की जो नीति है उसके चलते युद्ध जल्द खत्म हो जाएगा। जेलेंस्की ने यूक्रेन को न्यायोचित शांति मिलने पर जोर दिया।
शुल्ज ने किया पुतिन को फोन
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने शुक्रवार को फोन कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के साथ बातचीत शुरू करने का आग्रह किया। लगभग दो वर्षों में यह उनकी पहली बातचीत थी। फोन पर एक घंटे चली बातचीत में स्कोल्ज ने यूक्रेन से रूसी सैनिकों की वापसी की भी मांग की और यूक्रेन के लिए जर्मनी के निरंतर समर्थन की पुष्टि की।स्कोल्ज ने यूक्रेन के खिलाफ उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती को गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि इससे संघर्ष का विस्तार होगा। वहीं, पुतिन ने जर्मन चांसलर से कहा कि यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए संभावित समझौतों में रूसी सुरक्षा हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। यह नई क्षेत्रीय वास्तविकताओं पर आधारित होना चाहिए और संघर्ष के मूल कारणों का समाधान करता हो।