भारत के समग्र विकास को गति देने के लिए ग्रामीण भारत तैयार है
एक मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देती है और आबादी के एक बड़े हिस्से को रोजगार प्रदान करती है। हालांकि अब ग्रामीण भारत कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्था से मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन की ओर बढ़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है सड़क, पुल, और बिजली जैसी बेहतर बुनियादी सुविधाओं का विकास।
इसके अलावा, इंटरनेट अब गांवों तक पहुंच चुका है, साथ ही शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं भी लगातार बेहतर हो रही हैं। साक्षरता दर अब तक के उच्चतम स्तर पर है, और औसत प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर को पार कर चुकी है। गांवों में बढ़ती डिस्पोजेबल आय के कारण उपभोग में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली दो-तिहाई आबादी सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 46% का योगदान करती है। साथ ही, ग्रामीण विकास के लिए लागू सरकारी योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। ऐसे में, निवेश के लिए ग्रामीण भारत एक आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है। प्रमुख कंपनियों की हालिया रिपोर्टों से यह भी स्पष्ट है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मांग तेजी से बढ़ रही है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उच्च वृद्धि के संकेत स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आय और आय के स्रोतों में वृद्धि से उनकी आर्थिक क्षमता में सुधार हो रहा है। इसके अलावा, ग्रामीण व्यय में खाद्य पदार्थों का हिस्सा घटकर 46% रह गया है, जो विवेकाधीन व्यय (discretionary spending) में वृद्धि को दर्शाता है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को भारत के ग्रामीण विकास की इस संरचनात्मक लहर का हिस्सा बनने पर विचार करना चाहिए। वे म्यूचुअल फंड स्कीम्स पर ध्यान दे सकते हैं, जो ग्रामीण भारत के अवसरों पर केंद्रित हैं।
केस्टार फाइनेंशियल सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष रायजादा का कहना है कि ग्रामीण भारत अब देश के समग्र विकास की कहानी को गति देने के लिए पूरी तरह तैयार है। यदि आप भी इस विकास का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ICICI Prudential Rural Opportunities Fund पर विचार कर सकते हैं, जो ICICI Prudential Mutual Fund की नवीनतम पेशकश है। ग्रामीण थीम पर केंद्रित यह ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम 9 जनवरी, 2025 से 23 जनवरी, 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध है। इस फंड के माध्यम से उन सेक्टर्स और कंपनियों में निवेश किया जाएगा जो ग्रामीण भारत के विकास और वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं और इससे लाभान्वित हो रहे हैं।