RMPSU: दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति ने 41 मेधावियो को दिए स्वर्ण पदक
अलीगढ़ के राज्य विश्वविद्यालय राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी में पहले दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलीगढ़ आगमन पर उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, कुलपति प्रो चंद्रशेखर, अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम और हाथरस सांसद अनूप प्रधान द्वारा स्वागत किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। उसके बाद समारोह में मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिरकत की।
कैंपस में पहुंचने के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी स्वर्गीय माताजी केसरी देवी की स्मृति में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के प्रांगण में पौधारोपण किया। दीक्षांत समारोह के मंच पर पहुंचने के बाद राष्ट्रगान हुआ। तदोपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्रोच्चार से हुआ। तदोपरांत विश्वविद्यालय के कुलगीत का गायन हुआ। कुलपति प्रो चंद्रशेखर ने मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनगर और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत किया।
कुलाधिपति और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के शुरू करने की घोषणा की। कुलपति प्रो चंद्रशेखर ने अलीगढ़ की पूर्व सांसद शीला गौतम की याद में उनके पुत्र राहुल गौतम द्वारा निर्माण कराए गए सभागार के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के 14 सितंबर 2021 को पीएम नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी। विवि की स्थापना से लेकर अब तक समय से सभी परीक्षाएं कराई जा रही हैं।
सभी उपाधियों और अंकपत्रों को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने डिजिलॉकर पर रखने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों से स्नातक और परास्नातक में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले 41 मेधावियों को स्वर्ण पदक मिला। प्राथमिक स्कूल के बच्चों को भी सम्मानित किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट प्रदान की गईं।
मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समारोह को संबाधित करते हुए कहा कि कैंपस में मां के नाम एक पेड़ लगाया, जो सराहनीय है। इस यूनिवर्सिटी का नाम जिस महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा गया है, वह राजा महेंद्र प्रताप सिंह महान समाज सुधारक थे। उपराष्ट्रपति ने कर्पूरी ठाकुर, चौधरी चरण सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद को भी अपने संबोधन में याद किया।
उन्होंने कहा कि शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा, अब चरितार्थ हो रहा है। राष्ट्रहित निजी हित से ऊपर है। भारत के संविधान में 22 चित्र बने हैं। संविधान के हर भाग की शुरुआत में 22 चित्र बनाए गए हैं, उनको देखना और उनके बारे में गूगल से जानकारी लेनी चाहिए। कपास को जब कातते हैं तो धागा बनता है और थोड़ा भी गड़बड़ हो तो फिर कपास बन जाता है। देश में वर्ल्ड क्लास इंफ्राटेक्चर है। केवल 10 प्रतिशत यूथ को पता है 90 प्रतिशत को नहीं पता कि अवसर कहां से मिलेगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि चाणक्य का नाम आते ही नई ऊर्जा मिल जाती है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह नेशनल हीरो हैं, उनको नमन है। समारोह के अंत में राष्ट्रगान हुआ।
इन मेधावियों को मिला स्वर्ण पदक
परास्नातक में सर्वोच्च अंक
हिंदी : माधव शर्मा,
संस्कृत : अदिति चोला
समाजशास्त्र : अमरजीत सिंह
गृह विज्ञान : ज्योति चौधरी
रक्षा एवं रणनीतिक अध्ययन . तरुण कुमार
राजनीति शास्त्र : मानसी वार्ष्णेय
शिक्षा शास्त्र : तनिष्का
भूगोल : आर्यन वार्ष्णेय
अंग्रेजी : वर्षा माहौर
चित्रकला : चंचल
मनोविज्ञान : गरिमा भारद्वाज
इतिहास : यतेंद्र कुमार
संगीत वादन व तबला : अंशु
एम.कॉम : नूपुर वार्ष्णेय
एमएससी वनस्पति विज्ञान : प्रीति चौधरी
जंतु विज्ञान : गर्वित शर्मा
रसायन विज्ञान : अंकिता जैन
गणित : प्रियंका वार्ष्णेय
माइक्रोबायोलॉजी : लवली,
बायोटेक्नोलॉजी : निकिता वार्ष्णेय
भौतिक विज्ञान : खुशी
कंप्यूटर साइंस : विशाल कुमार
भूगर्भ शास्त्र : दीपांशी बघेल
सभी पाठ्यक्रम : सारिका कुरैशी
एमएससी एग्रो : प्रहलाद कुमार
एमएससी उद्यान : राज उमेश पांडे
मृदा विज्ञान व कृषि रसायन : मोहित कुमार सैनी
एलएलएम : अनुराग शर्मा
एमएससी फॉरेस्ट्री : शिवम पटेल
एमएड : भानु प्रताप
स्नातक में सर्वोच्च अंक
बीएससी : परी भारद्वाज
बीकॉम : अंश
सभी पाठ्यक्रम : दीक्षा वर्मा
बीएससी (सीजीपीए) अमन राजपूत
बीएससी वोक.बायो: श्रुति मित्तल
एलएलबी : चंचल अग्रवाल
बीपीएड : रोहित यादव
बीपीईएस : देवेंद्र कुमार
बीएससी वोकेशनल : कुमुद अग्रवाल
बीएससी कंप्यूटर साइंस : कशिश अग्रवाल
बीएड : शिवानी शर्मा
इन कोर कमेटियों का रहा सहयोग
प्रो. गीतिका सिंह, प्रो. अंजना कुमारी, प्रो. सुभाष चौधरी, प्रो. इंदु वार्ष्णेय, प्रो. नीता वार्ष्णेय, प्रो. कृष्णा अग्रवाल, डॉ. कमल सिंह।
समिति और उनके समन्वयक
दीक्षांत समारोह में गार्ड ऑफ ऑनर समिति में प्रो. पुष्पेंद्र सिंह, पदक वितरण समिति में प्रो. कमल सिंह, आमंत्रण समिति में प्रो. चंद्रवीर सिंह, पंडाल निर्माण समिति में प्रो. सुभाष चौधरी, स्वागत समिति में प्रो. कृष्णा अग्रवाल, सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति में प्रो. ब्रजरानी शर्मा, शैक्षिक परिधान व उपाधि शुल्क समिति में प्रो. प्रदीप कुमार, शैक्षिक परिधानों का निर्धारण व वितरण समिति में प्रो. नीता वार्ष्णेय, शैक्षिक शोभायात्रा समिति में प्रो. अंजना कुमारी, फोटोग्राफी, वीडियो व मीडिया समिति में प्रो. रोली अग्रवाल, दीक्षांत भाषण व स्मारिका समिति में प्रो. इंदु वार्ष्णेय, जलपान व भोजन समिति में प्रो. गीतिका सिंह, प्रशासनिक समिति में डॉ. निर्मेश कुमार सेंगर, संचालन समिति में प्रो. इंदु वार्ष्णेय, वाहन व्यवस्था समिति में प्रो. हरीश शर्मा, अनुशासन समिति में डॉ. अनिल कुमार वार्ष्णेय, दूसरी स्वागत समिति के अध्यक्ष कुलपति रहे।
पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
वर्ष 2019 में योगी सरकार ने अलीगढ़ में एक राज्य स्तरीय विवि शुरू करने की घोषणा की थी। इसके बाद वर्ष 14 सितंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था। 93.41 एकड़ भूमि में विवि बनकर तैयार हो चुका है। पांच फीसदी फिनिशिंग का काम रह गया है।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह का परिचय
राजा महेंद्र प्रताप सिंह हाथरस जिले के मुरसान रियासत के राजा थे। उनका जन्म एक दिसंबर 1886 में हुआ था और मृत्यु 29 अप्रैल 1979 को हुई थी। 1915 में उन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में स्वतंत्र भारतीय सरकार की स्थापना अफगानिस्तान में की थी, वह राष्ट्रपति थे। भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए 50 देशों को यात्रा की। वर्ष 1957 के आम चुनाव में तो राजा महेंद्र प्रताप ने अटल बिहारी वाजपेयी को करारी शिकस्त दी थी। इस चुनाव में मथुरा लोकसभा सीट से राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में लगभग 4 लाख 23 हजार 432 वोटर थे। इनमें 55 फीसदी यानी लगभग 2 लाख 34 हजार 190 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।