भूस्खलन प्रभावित वायनाड में बचाव अभियान नौवें दिन भी जारी

बीते दिनों केरल में हुई भारी बारिश और भूस्खलने के कारण लगभग 300 लोगों की मौत हो चुकी है। भूस्खलने के बाद से ही अभी तक बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार, केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड क्षेत्र में बुधवार को भारतीय वायुसेना, सेना और राज्य प्रशासन द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

वायनाड में 9वें दिन भी रेस्क्यू जारी

केरल के वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान आज लगातार नौवें दिन भी जारी रहा।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी कोच्चि ने बताया, वायनाड भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में भारतीय वायुसेना, भारतीय वायु सेना और राज्य प्रशासन द्वारा संयुक्त बचाव अभियान जारी है। सेना के साथ मिलकर सैनिकों की एक विशेष टीम को भारतीय वायुसेना द्वारा कलपेट्टा से चलियार नदी तक पहुंचाया गया है।

वायनाड के चूरलमाला और मुंदक्कई में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिसमें 300 से अधिक लोगों की जान चली गई। इसके अलावा बड़ी संख्या में संपत्ति को भी नुकसान हुआ।

13 सदस्यों की टीम भेजी गई वायनाड

इससे पहले आज, छह प्रशिक्षित सैन्य कर्मियों, केरल पुलिस के चार एसओजी (विशेष ऑपरेशन समूह), दो वन अधिकारियों और एक श्वान दस्ते की एक विशेष टीम तलाशी अभियान के लिए वायनाड के सूजीपारा झरने की सूर्योदय घाटी के लिए रवाना हुई।

एसओजी के पुलिस अधीक्षक तपोश बसुमतारी ने एएनआई को बताया, कल के अभियान को जारी रखते हुए, आज भी हम एक टीम भेज रहे हैं। हम एक डॉग और उसके संचालक को भी शामिल कर रहे हैं। यह 13 सदस्यों की टीम है। हम और गहराई में उतर कर अभियान चलाएंगे। कल, 4 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी। आज, हम कुछ और क्षेत्रों को कवर करने की कोशिश कर रहे हैं। हम नीचे के हिस्से को अधिकतम कवर करने की कोशिश करेंगे।

मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सरकार वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में विश्व स्तरीय पुनर्वास सुनिश्चित करेगी, जो एक उदाहरण बनेगा।

हम पुनर्वास मॉडल करेंगे लागू- CM विजयन

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, हम विश्व स्तरीय पुनर्वास सुनिश्चित करेंगे। हमारा लक्ष्य एक ऐसा पुनर्वास मॉडल लागू करना है जो देश और दुनिया के लिए एक उदाहरण बन सके।

केरल के मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि सरकारी कर्मचारी और शिक्षक अपने वेतन का कम से कम 5 प्रतिशत मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में योगदान देने के लिए आगे आए हैं।

सीएमडीआरएफ में कुल धनराशि पर प्रकाश डालते हुए विजयन ने कहा, 30 जुलाई से सोमवार तक हमें आपदा राहत कोष में 53.98 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

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