विडियो: यह वीर शहीद होने के बाद भी करते रहे सेना की मदद, सुनकर आँखों से निकल जायेंगे आंसू
1947 के पहले और बाद में आज तक भारत ने कई युद्ध देखे और इन युद्धों में हजारों सैनिक शहीद हो गए। कभी आतंकियों से लड़ते हुए तो कभी पड़ोसी दुश्मन देश की धोखेबाजी का शिकार होते हुए इस देश के कई जवानों ने अपने खून से भारत की आजादी को सींचा है।
अगर सीमा पर खड़े होकर देखेंगे तो महसूस होगा कि देश के ये बहादूर जवान कैसे अपने बूढ़े माता-पिता के अलावा पत्नी और मासूम बच्चों को महीनों देखे बिना खून जमा देने वाली ठंड और झुलसा देने वाली गर्मी में खड़े रहते हैं। उन्हीं की कुर्बानियों का नतीजा है कि हम आज इस धरती पर चैन की सांस ले रहे हैं।
वैसे तो हर शहीद की कहानी यादगार होती है लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो देश के लिए शहादत देने से आगे भी ऐसा कुछ कर जाते हैं जो मिसाल बनता है और देश के इतिहास में अमिट छाप छोड़ जाता है। ऐसा ही कुछ कारनाम है रायफलमैन बदलूराम का। उनकी शहादत का किस्सा जितना भावुक कर देना वाला है उनकी शहादत का गीत उतना ही जोश भर देने वाला। रायफलमैन बदलूराम देश के लिए जिंदा रहते ही नहीं लड़े, बल्कि शहीद होने के बाद सेना की मदद करते रहे। उनका जन्म 13 January 1876 को हुआ था और 23 September 1918 को वो शहीद हुए थे। रोहतक के गुबाना में जन्मे बदलुराम का असल नाम बदलू सिंह था और वो ब्रिटिश इंडियन आर्मी में 14वीं मुरे जाट लांसर्स में रिसलदार थे।
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जानिए कौन हैं बदलूराम
बदलूराम वैसे तो ब्रिटिश इंडिया के सिपाही थे जो पहले विश्वयुद्ध के दौरान जापानी सेना से युद्ध कर रहे थे। युद्ध के दौरान बदलूराम शहीद हो गए। इसे गलती कहिए या संयोग, कि बदलूराम की शहादत के बाद क्वार्टर मास्टर लिस्ट में उनका नाम हटाना भूल गए और इसकी जानकारी भी सेना को न दे सके। इस कारण बदलूराम का राशन अगले कई महीनों तक आता रहा और इकट्ठा होता गया। इस दौरान जापानी सेना ने सप्लाय लाइन काट दी और भारत के सैनिकों को राशन पहुंचना बंद हो गाया
इस वक्त रायफलमैन बदलूराम के लिए आया राशन वहां मौजूद था जो पूरी सेना को काम आया और बाद में जब ब्रिटिश इंडियन आर्मी ने सप्लाय शुरू कर रसद पहुंचाई। बदलूराम के इस अतिरिक्त राशन की वजह से सैनिक जिंदा रह सके और यही वो समय था जो युद्ध में निर्णायक साबित हुआ। खुद शहीद होने के बाद भी बदलूराम देश की सेना और अपनी रेजिमेंट के लिए मददगार बने रहे। इसके बाद उसी रायफलमैन बदलूराम की याद में असम रेजिमेंट ने एक गीत बनाया जो आज भी इस रेजिमेंट का मार्चिंग सॉन्ग है। यह गीत पिछले 70 सालों से गाया जा रहा है।
यह है वो गाना जो बना रेजिमेंट का मार्चिंग सॉन्ग, अमेरिकी सैनिकों ने भी किया था डांस
रायफलमैन बदलूराम को लेकर असम रेजिमेंट द्वारा बनाया गया गाना इसके मार्चिंग सॉन्ग बना और आज भी गाया जाता है। इस गाने में इस बात का जिक्र है कि बदलूराम शहीद होने के बाद दूसरे सैनिक उसके राशन पर जिंदा रहते हैं। यह सॉन्ग सुनकर आपको ना सिर्फ जोश आ जाएगा बल्कि उस शहीद की शहादत को नमन भी करेंगे। आपको बता दें कि पिछले साल अमेरिका और भारतीय सेना के संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान अमेरिकी सेना भी इस गाने पर नाची थी।
#WATCH Indian and American soldiers sing and dance on the Assam Regiment’s marching song ‘Badluram ka badan zameen ke neeche hai’ during Exercise ‘Yudhabhyas’ being carried out at Joint Base Lewis, McChord in the United States of America pic.twitter.com/6vTuVFHZMd
— ANI (@ANI) September 15, 2019