आईएमएफ का रिपोर्ट: 6.5% की दर से बढ़ेगी भारत की जीडीपी
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मजबूत निजी निवेश और व्यापक आर्थिक स्थिरता के दम पर भारत की सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी दर 2025-26 में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। इस आधार पर यह सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखेगा। अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन देश को 2047 तक एक उन्नत अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
भारत सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2024-25 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था के 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। खाद्य कीमतों के झटके कम होने के कारण मुख्य महंगाई लक्ष्य के अनुरूप होने की उम्मीद है। आईएमएफ ने कहा, निजी निवेश, रोजगार को बढ़ावा देने और विकास को आगे बढ़ाने के लिए संरचनात्मक सुधारों के गहन कार्यान्वयन की जरूरत है। आईएमएफ ने कहा, गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा करने, निवेश को बढ़ावा देने और उच्च संभावित विकास को प्राप्त करने के लिए व्यापक संरचनात्मक सुधार महत्वपूर्ण हैं। प्रयासों को श्रम बाजार सुधारों को लागू करने, मानव पूंजी को मजबूत करने और श्रम बल में महिलाओं की अधिक भागीदारी का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
निजी निवेश और एफडीआई बढ़ाने की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार, निवेश और एफडीआई को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। इसके लिए स्थिर नीति ढांचे, व्यापार करने में अधिक आसानी, गवर्नेंस सुधार और व्यापार एकीकरण में वृद्धि की जरूरत है। इनमें टैरिफ और गैर-टैरिफ कटौती दोनों उपाय शामिल होंगे। हालिया नरमी के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है।