पति और पत्नी के रिश्ते को ख़त्म होने से बचाना चाहतें हैं तो जरुर करें ये उपाय

भागदौड़ और व्यस्तता की इस दुनियां में हम कई बार अपने करीबी रिश्तों से दूर होते चले जाते हैं। इस दूरी के चलते कई बार आपसी तनाव की स्थितियां पैदा हो जाती है। ये स्थितियां इतनी भयावह हो जाती है कि रिश्ते टूटने की कगार पर आ जाते हैं। खासतौर पर पति और पत्नी के बीच अगर ये दरार हो जाये तो रिश्ता और भी ज्यादा खराब हो जाता है। ऐसी हालत में हम बहुत ज्यादा मानसिक तनाव के दौर से गुजरते हैं। हालात ऐसे हो जाते हैं कि हम हर रास्ते से अपने बिगड़ते रिश्तों को संभालने की कोशिश करते हैं।पति और पत्नी के रिश्ते को ख़त्म होने से बचाना चाहतें हैं तो जरुर करें ये उपाय

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वैसे इस सारी बीतों का असर हमारे आस-पास के माहौल और चीजों से भी होता है। हम इन स्थितियों में कुछ बातों पर अमल कर सुधार कर सकते हैं। क्योंकि इन बातों का असर हमारे आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा से भी जुड़ा होता है। अगर हम थोड़ा सा भी सुधार करते हैं तो सकारात्मक ऊर्जा के चलते हम अपनी इस चीजों को सुधार सकते हैं। इस बातों को लेकर कई लोग इस जादू-टोना से जोड़ते हैं लेकिन घर और आस-पास के वास्तु को बदलना और कई सारे उपाय करना कोई जादू-टोना नहीं बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा को लाने का तरीका है।

पति-पत्नी के बीच अगर दूरियां बढ गई हैं, दोनों में काफी मतभेद हो गए हैं। रिश्ते टूटने के कगार पर आ चुके हैं, तो इस बार दुर्गानवमी पर माता के चरणों में कुछ ऐसा आप समर्पित करें जिससे आपके टूट रहे रिश्ते टूटने के बजाय बन जायें क्योंकि पति और पत्नी के बीच अगर गलतफहमियां आ गई हैं। दोनों के बीच बातों को लेकर इस कदर दूरियां बढ़ गई है तो ये खास उपाय आप नवरात्र के दिन में कर सकते हैं। ये उपाय बहुत ही आम हैं, जैसे महिलाएं सिंदूर का उपयोग करती हैं। ये सुहाग की निशानी होती है, इसे हर सुहागन महिला तीज और त्योहार पर जरूर लगाती है। इस सिंदूर को पति-पत्नी के बीच रिश्तों को करीब लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपके वैवाहिक रिश्तों में दरार आ गई हो पति-पत्नी के बीच तनाव हो तो ये सिंदूर इसे कम करने में सहायक होता है। यहां पर नारंगी सिंदूर के विषय में बात कर रहे हैं।

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आप इस नवरात्र के अन्तिम दिवस पर माता भगवती के चरणों में पान के पत्ते पर सिंदूर से ह्रीं को लिख कर माता के चरणों में अर्पित करें इस पत्ते के अर्पण के साथ माता के समक्ष अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना करें। इसके साथ ही अपने वैवाहिक जीवन में खुशियों की बहार लाने की प्रार्थना करें । आपकी ये प्रार्थना जरूर सफल होगी। क्योंकि नवरात्र के नौ दिन माता अपने भक्तों के कष्ट हरने के लिए धरती पर उनके बीत होती है।

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