…तो ये हैं कारण बेंगलुरु में पब और रेस्टोरेंट को बंद कराने के

बेंगलुरु को कभी भारत का पब कैपिटल कहा जाता था. लेकिन बेंगलुरु से जल्द ही ये टैग छीनने वाला है. दरअसल लोगों का मानना है कि लाइव संगीत पर बैन के चलते शहर के कई पब और रेस्टोरेंट जल्द ही बंद हो सकते हैं. पुलिस ने 393 रेस्टोरेंट और पब को बंद करने का नोटिस भेजा है....तो ये हैं कारण बेंगलुरु में पब और रेस्टोरेंट को बंद कराने के

सवाल उठता है कि बेंगलुरु में पब को अचानक क्यों बंद किया जा रहा है? दरअसल जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को अमल में लाया जा रहा है. इसके तहत उन सभी पब और रेस्टोरेंट को नोटिस जारी किया गया है जो ‘सार्वजनिक मनोरंजन के स्थान और नियंत्रण (बैंगलोर सिटी) ऑर्डर, 2005 का उल्लंघन करते हैं. यानी सार्वजनिक स्थानों पर मनोरंजन के सभी तरह के संगीत (लाइव या रिकॉर्ड) चलाने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है.

लाइसेंस लेने के लिए पब-मालिक को 7 दस्तावेज जमा करना होगा. जिन रेस्टोरेंट को बंद किया जा रहा है उन्होंने अब तक ये दस्तावेज़ जमा नहीं किए हैं. जरूरी दस्तावेज जमा कराए जाने के बाद ऐसा लग रहा है कि सिर्फ 54 रेस्टोरेंट को लाइसेंस दिए जाएंगे. पब मालिकों का कहना है कि कानून का सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है और उन्हें जबरदस्ती निशाना बनाया जा रहा है. अब तक अठारह आवेदनों को खारिज कर दिया गया है जबकि बाक़ी की अभी भी जांच की जा रही है.

हमिंग ट्री के सह-संस्थापक निखिल बरुआ का कहना है,”विवाद की जड़ ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट है, क्योंकि ये बिल्डिंग के मालिक को दिया जाता है जबकि पब के मालिक सिर्फ किरायेदार हैं. निखिल का कहना है कि बेंगलुरू में 90% बिल्डिंग के पास ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं हैं. पब मालिकों के साथ-साथ म्यूजिशयन ने भी इसके खिलाफ आवाज़ें उठाई हैं. उनका कहना है कि पब बंद होने से उनकी आजीविका प्रभावित हुई है. राज्य के गृह मंत्री को #SaveMusicInBlr के नाम से एक ऑनलाइन याचिका भी दी गई है जिस पर 17,500 से ज़्यादा लोगों ने साइन किए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button