मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराबबंदी की तैयारी, सीएम मोहन यादव बोले- विचार कर रहे हैं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने के लिए अपनी नीति में सुधार करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मुद्दे पर साधु-संतों द्वारा दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गंभीर है।
मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने के लिए अपनी नीति में सुधार करने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मुद्दे पर साधु-संतों द्वारा दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गंभीर है। धार्मिक नगरों का वातावरण प्रभावित होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं और उनका प्रयास है कि इन नगरों की पवित्रता बनी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि बजट सत्र पूर्णता की ओर है। राज्य सरकार इस पर जल्द ही ठोस निर्णय लेकर कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2028 को लेकर कहा कि इस बार साधु-संतों को केवल क्षिप्रा नदी के पवित्र जल से ही स्नान कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमिपूजन केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटील करने आज उज्जैन आ रहे है। सिंहस्थ में पहले गंभीर नदी के जल से स्नान कराया जाता था।
इसके बाद 2026 में नर्मदा नदी के जल का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि क्षिप्रा जी के जल की मात्रा बहुत कम आती है और बरसाती नदी होने के चलते पानी स्टोर नहीं हो पाता था। अब, सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना के तहत क्षिप्रा नदी का जल उपलब्ध होगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर स्नान व्यवस्था मिलेगी। यह परियोजना लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है, और इसका निर्माण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।