प्राण प्रतिष्ठा पर हुआ रामलला का भव्य श्रृंगार

अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) में प्रतिष्ठित रामलला की मूर्ति के आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के व्यापक शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं। इस बात की जानकारी राम मंदिर ट्रस्ट ने दी। आभूषण अंकुर आनंद के लखनऊ स्थित हरसहायमल श्यामलाल ज्वेलर्स द्वारा तैयार किए गए हैं।
बनारसी कपड़े से सजाए गए है रामलला
मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, ‘‘रामलला को बनारसी कपड़े से सजाया गया है, जिसमें एक पीली धोती और एक लाल पटका/अंगवस्त्रम शामिल है। ये अंगवस्त्रम शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से सजाए गए हैं, जिनमें शुभ वैष्णव प्रतीक – शंख, पद्म, चक्र और मयूर शामिल हैं। ये परिधान दिल्ली के डिजाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा बनाए गए थे, जिन्होंने इस परियोजना के लिए अयोध्या धाम से काम किया। इन दिव्य आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों में श्रीराम की शास्त्रोक्त महिमा के वर्णन के एक व्यापक शोध और अध्ययन पर आधारित है।”
मंत्रोच्चार के बीच गर्भगृह में विराजे रामलला
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि पर निर्मित भव्य मंदिर में श्रीरामलला के बाल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण किया। वैदिक आचार्य सुनील शास्त्री की अगुवाई में 121 प्रकांड विद्वानों ने संजीवनी योग में मंत्रोच्चार के बीच प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूर्ण कराया। अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से 84 सेकंड के अंतराल में श्याम वर्ण भगवान के बाल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। अब भगवान अपने गर्भगृह में विराजमान हो गए है और दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) भगवान राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) का सीधा प्रसारण पूरे माघ मेला (Magh Mela) क्षेत्र में किया गया। इसके बाद शाम को संगम क्षेत्र में दीपदान से पूरा क्षेत्र रोशनी से गुलजार हो गया। विहिप कार्यालय के पास लगे एलईडी स्क्रीन पर प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण देख लोग बेहद भावुक हो उठें।