राज्यसभा चुनाव ने दी विपक्षी एकता को नई जमीन, सब भूल एक दूसरे को लगा रहे गले

लोकसभा चुनाव से पूर्व राजग के खिलाफ प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से एकजुट होने की विपक्ष की कोशिशों को इसी महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव ने एक बेहतर मौका उपलब्ध कराया है। राज्यसभा चुनाव के बहाने विभिन्न राज्यों में विपक्षी दल एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में इसी चुनाव ने सपा-बसपा-कांग्रेस के बीच नजदीकी बढ़ाई तो बिहार, पश्चिम बंगाल सहित कुछ अन्य राज्यों में भी ऐसी ही कोशिशें परवान होती दिखीं। लोकसभा की तीन सीटों गोरखपुर, फूलपुर और अररिया में हुए उपचुनाव केनतीजे आने के बाद विपक्षी एकता की तस्वीर और साफ होगी।
तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा भेजने में मदद का ऐलान किया है। जबकि राजद सूत्रों का कहना है कि पार्टी बिहार से जदयू के बागी और वरिष्ठ नेता रहे शरद यादव को उच्च सदन भेजने का मन बना चुकी है।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में बसपा उम्मीदवार को समर्थन करने के साथ ही माकपा महासचिव को राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव रखा है। इससे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बसपा सुप्रीमो मायावती को उच्च सदन भेजने का प्रस्ताव रख चुके थे। जाहिर है कि ये सारी कवायदों को लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्ष को एकजुट करने के पहल के रूप में देखा जा रहा है।