अटल को याद कर भावुक हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, सुनाया वो किस्सा

जो बीत गया, सो भूल जाओ। चुनाव के दौरान गिले-शिकवे होते ही हैं। उन्हें दिल से लगाए रखना समझदारी नहीं। ये उद्गार थे तब के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के। जब, अपने सामने लखनऊ से चुनाव लड़ चुके राजबब्बर से वे संसद की गैलरी में मिले। उन लम्हों को याद करके कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर बेहद भावुक हो गए।

वर्ष 1996 की बात है। तब राजबब्बर सपा से राज्यसभा के सदस्य थे। बकौल राजबब्बर, पार्टी ने मुझे लखनऊ से अटलजी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फरमान सुना दिया। लखनऊ से दिल्ली जाते समय वह मुझसे फ्लाइट में मिले। मैंने कहा, आपको आगरा के सूरजभान के फाटक में बचपन से सुनते आया हूं। डर रहा हूं कि कहीं चुनाव के दौरान कोई वक्तव्यों से गुस्ताखी न हो जाए। अटलजी ने बड़े ही भरोसे के साथ कहा, ‘तुमसे ऐसा नहीं होगा।’
 
राजबब्बर कहते हैं, प्रधानमंत्री बनने के बाद एक दिन संसद की गैलरी में अटलजी मुझे मिल गए। मैंने कहा- माफी तो उसकी मांगी जाती है, जो गलती अन्जाने में हुई हो। मैंने तो जानबूझकर चुनाव में आपके खिलाफ बोला।

इस पर अटलजी ने कहा-राजबब्बर! भूल जाओ। वो चुनाव था। राजबब्बर कहते हैं कि आज अटलजी के परंपरा के राजनीतिज्ञों की सबसे ज्यादा जरूरत है। वे सदैव हमारी यादों में अपनी प्रासंगिकता के कारण बसे रहेंगे।

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