राजस्थान: बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेरा

शुक्रवार को हुई बेमौसम तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी फसल के साथ ही मंडी में रखा अनाज भी भीग गया। बारिश से सरसों, चना और मसूर की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

हाड़ तोड़ मेहनत के बाद तैयार फसल यदि इस तरह बर्बाद हो जाए तो ईश्वर के समक्ष रोने के सिवा कुछ नहीं बचता। प्रदेश के कई इलाकों में शुक्रवार को हुई बारिश ने किसानों महीनों की मेहनत पर पल भर में पानी फेर दिया। बारिश से खेतों में खड़ी फसल के साथ ही मंडी में बेचने के लिए लाया गया अनाज भी भीग गया।

प्रदेश में कल दौसा, सवाई माधोपुर, बूंदी, टोंक, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, झालावाड़, दूदू, अजमेर, जयपुर समेत कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश का हुई। कई स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है। हालांकि मौसम विभाग पिछले दो-तीन दिन से लगातार बारिश होने की चेतावनी दे रहा था।

मौसम के अचानक बदले मिजाज ने खेतों में खड़ी फसल को तो नुकसान पहुंचाया ही है, साथ ही मंडी में बिकने के लिए तैयार पड़े अनाज को भी बर्बाद कर दिया। झालावाड़ और उसके आसपास के क्षेत्र में शाम चार बजे के बाद अचानक बदले मौसम से तेज गड़गड़ाहट के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई। झालरापाटन और समीप के मालीपुर आदि इलाकों में चने के आकार के ओले बरसे, जिससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा।

तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं और धनिया की फसल में भी काफी नुकसान की संभावना बताई जा रही है। तेज बरसात के चलते मंडी में रखी हुई जींस भी भीग गई। इस बारिश से सरसों, चना और मसूर की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने 1 व 2 मार्च को प्रदेश के कई संभागों में बारिश होने की चेतावनी दी थी।

मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर किसानों को सलाह दी गई थी कि वे अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें। साथ ही रबी की फसलों में भी सिंचाई या किसी भी तरह का रासायनिक छिड़काव बारिश की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए ही करें।

फिलहाल बारिश ने खेतों में खड़ी फसलों को लेकर किसान की चिंता बढ़ा दी है। फसले पकने की स्थिति में है लेकिन बिगड़े मौसम से उनके खराब होने की आशंका बढ़ गई है। खेतों में अभी सरसों, धनिया, गेहूं, लहसुन की खड़ी फसलों की क्वालिटी पर बारिश व ओलावृष्टि से खासा असर पड़ सकता है।

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