मुख्यमंत्री चुनने में उलझी कांग्रेस के लिए राजस्थान भी मुश्किलें पैदा करता नजर आ रहा…

कर्नाटक में शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री चुनने में उलझी कांग्रेस के लिए राजस्थान भी मुश्किलें पैदा करता नजर आ रहा है। खबर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जारी तनातनी जून में बड़ा रूप ले सकती है। अटकलें हैं कि पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकते हैं।

राजस्थान में क्या हैं हाल
पहले बयानबाजी और बाद में भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग का दौर शुरू हुआ। इस मामले में युवा नेता ने राजनीति के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले सीएम गहलोत को जमकर घेरा भी। इतना ही नहीं उन्होंने मई के अंत तक कार्रवाई नहीं होने पर राज्य सरकार के खिलाफ ‘आंदोलन’ का भी ऐलान कर दिया है।

11 मई से शुरू हुई सचिन की पांच दिवसीय ‘जन संघर्ष यात्रा’ सोमवार को संपन्न हो चुकी है। इसके बाद जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अगर इस महीने के अंत तक हमारी मांगों को नहीं माना गया, तो मैं जनता के साथ पूरे राज्य में आंदोलन करूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमने गांधीवाद से उपवास किया है। अगर भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो हम पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। हम हर गांव तक जाएंगे।’

पुराना विवाद और ताजा तनाव
साल 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच बनती बिगड़ती रही है। कहा जाता रहा कि लड़ाई मुख्यमंत्री पद की है। साल 2020 में पायलट ने विद्रोह भी कर दिया और 18 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए थे। राजस्थान में नेतृत्व बदलाव की मांग के बाद पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटा दिया गया था। 

अब हाल ही में गहलोत ने आरोप लगा दिए कि विद्रोह में शामिल विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी से रुपये लिए हैं। बीते साल सितंबर में भी पार्टी में बड़ा बवाल हुआ था, जब विवाद सुलझाने के लिए और विधायकों से मिलने पहुंचे मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन की बैठक में पूरे विधायक ही नहीं मौजूद रहे। खबरें थीं कि उस दौरान गहलोत समर्थक विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया था।

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