राजस्थान: इन पांच महिला उम्मीदवारों की किस्मत आज EVM में होगी कैद

राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने आठ महिला प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने पांच तो कांग्रेस ने तीन महिलाओं को टिकट दिए हैं। ऐसे में इन सीटों पर महिला शक्ति चुनावी मैदान में विपक्षी उम्मीदवार को सीधी टक्कर दे रही हैं। आज पहले चरण के मतदान के दिन पांच महिला प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद होगी। इससे पहले जानते हैं महिला प्रत्याशियों के सियासी सफर के बारे में…।

श्रीगंगानगर सीट से भाजपा ने प्रियंका बालान को चुनावी मैदान में उतारा है। प्रियंका वर्तमान में अनूपगढ़ नगर परिषद की सभापति हैं, वे करीब 15 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। वे भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की टीम की सदस्य भी रह चुकी हैं। वे मेघवाल समाज से आती हैं और पंजाबी समाज की बहू भी है। ऐसे में भाजपा ने एससी के लिए आरक्षित सीट श्रीगंगानगर से प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले प्रियंका को 2013 में विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था, लेकिन डॉक्यूमेंट में आयु 25 साल से कम होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाईं थीं। इसके बाद हुए दो चुनाव में भी प्रियंका ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया। अब वे लोकसभा चुनाव हैं, ऐसे में प्रियंका के पास सीधे सांसद बनने का मौका है।

जयपुर शहर लोकसभा सीट से भाजपा ने मंजू शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। वे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज नेता भंवरलाल शर्मा की बेटी हैं। शर्मा जयपुर की हवामहल सीट से चुनाव लड़ते थे, ऐसे भाजपा ने पिता की विरासत सौंपते हुए 2008 में मंजू शर्मा को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, यह अंतर 1000 से भी कम वोट का था। इसके बाद पार्टी ने कभी उन्हें टिकट नहीं दिया और अब 16 साल बाद सीधे लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया है।

भरतपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी संजना जाटव अलवर नगर परिषद की सदस्य हैं। संजना 2023 के विधानसभा चुनाव में अलवर की कठूमर सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन करीब 400 वोट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी के लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान से जुड़ने के बाद संजना की खूब चर्चा हुई थी। उन्हें कांग्रेस सचिन पायलट का करीबी भी माना जाता है। संजना भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप कोली को चुनौती दे रही हैं।

इस सीट से करौली पंचायत समिति की पूर्व प्रधान भाजपा की प्रत्याशी है। साल 2015 में वे निर्विरोध प्रधान चुनी गईं थी। इंदु देवी को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। इनके पति मनोज कुमार जाटव बिजली विभाग में टेक्निशियन हैं और ससुर प्रकाश चंद जाटव शिक्षा विभाग में सहायक विकास अधिकारी हैं। इंदु लंबे समय से बिना किसी पद के पार्टी के लिए काम कर रहीं थीं, अब भाजपा ने उन्हें इसका इनाम दिया है। करौली धौलपुर लोकसभा सीट पर दो जाटवों में मुकाबला है।

नागौर सीट से भाजपा की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा 2009 में यहां से सांसद रह चुकी हैं। तब वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद में पहुंचीं थीं। ज्योति ने 2014 और 19 में भी चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा चुनाव से पहले मिर्धा ने भाजपा का दामन थामा था। मिर्धा गठबंधन के उम्मीदवार और आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल को टक्कर दे रही हैं।

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