जीवन में नहीं चाहते अन्न-धन की कमी, तो भाद्रपद पूर्णिमा के दिन इन जगहों पर जलाएं दीपक

वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार 07 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से साधक की किस्मत चमक सकती है। इस दिन कुछ जगहों पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं दीपक से जुड़े उपाय के बारे में।

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने की आखिरी तिथि पर पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

अगर आप घर में सुख-शांति और मां लक्ष्मी का वास चाहते हैं, तो भाद्रपद पूर्णिमा के दिन कुछ जगहों पर दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है और घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन किन जगहों पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

जीवन होगा खुशहाल
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करने के बाद नदी में दीपदान करें और मंदिर या लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद पूर्णिमा पर दीपदान करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

जीवन के दुख और संकट होंगे दूर
अगर आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद आरती कर मंत्रों का जप करें। प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से सभी दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही साधक को शुभ परिणाम मिलते हैं।

जीवन में नहीं होगी अन्न-धन की कमी
धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना गया है। ऐसे में पूर्णिमा के दिन तुलसी के पास दीपक जलाएं और 5 या 7 बार परिक्रमा लगाएं। इस उपाय को करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और हमेशा अन्न-धन के भंडार भरे रहते हैं।

भाद्रपद पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
इस बार 07 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी।

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि का समापन- 07 सितंबर को देर रात 11 बजकर 38 मिनट पर

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