पंजाब में प्रतिबंधित नशीली दवाओं की सबसे बड़ी रिकवरी, एक लाख गोलियां और इंजेक्शन बरामद

सेहत विभाग और पुलिस की टीम ने तीसरे दिन संयुक्त रूप से प्रतिबंधित दवाइयां बेचने वालों पर दबिश देकर एक लाख सात हजार नशीली गोलियां और इंजेक्शन बरामद किया है। यह अब तक पकड़ी गई नशे की दवाओं की सबसे बड़ी खेप है। 

पुलिस ने होलसेल दवाओं के विक्रेता यूनिक फार्मा के मालिक पुनीत कपाही को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा 1500 इंजेक्शन, 29 हजार कैप्सूल और 109 बिना लेबल के सीरप बरामद किए गए हैं। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रवीण कुमार सिन्हा, डीसीपी कानून व्यवस्था राजिंदर सिंह और डीसीपी क्राइम गुरमीत सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि एसीपी सर्बजीत सिंह और सेहत विभाग की ड्रग इंस्पेक्टर अनुपमा कालिया को सूचना मिली थी कि शहर में होलसेल दवा कारोबारी यूनीक फार्मा पर नशे की दवाइयां बेची जा रही हैं। 

इसके बाद एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें पुलिस की तरफ से एसीपी सर्बजीत सिंह ने लीड किया। इस टीम में एसीपी दलबीर सिंह बुट्टर और थाना 3 के प्रभारी कुंवर विजय पाल, थाना बावा खेल शामिल कर फगवाड़ा गेट के निकट यूनिक फार्मा पर छापेमारी की और वहां से पुनीत कपाही से पूछताछ की। 

पुलिस के सामने पुनीत कपाही ने खुलासा किया कि उसका एक गोदाम मोनिका टावर में है। विभाग की टीम ने मोनिका टावर में भी सर्च की और वहां से प्रतिबंधित दवाईयां बरामद की गई, जिसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है। 

कारोबारी पुनीत के पास कोई रिकार्ड नहीं था। एसीपी सर्बजीत राय ने बताया कि आरोपी अपनी गाड़ी में प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई करता था। गाड़ी पर आरोपी ने प्रेस का स्टिकर भी लगा रखा था ताकि किसी को शक न हो। 

कमिश्नर सिन्हा ने कहा कि पुलिस और सेहत विभाग की टीम ने पिछले तीन दिन में संयुक्त आपरेशन चलाकर तरुण कालिया, नवरत्न कालिया को गिरफ्तार किया, जिसके बाद होलसेल कारोबार करने वाले न्यायाधिकारी के पिता प्रेम नाथ को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। 

सिन्हा ने कहा कि कपाही पर पहले भी तीन केस दर्ज हो चुके हैं और वह जेल से निकलने के बाद दोबारा नशे की दवा के कारोबार में लिप्त हो जाता है। इससे पहले उस पर लोहियां थाने में तस्करी के तीन मामले दर्ज हैं।

मित्तू मेडिकल लंबे समय से था लिप्त…
इस दौरान ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी करण सचदेवा ने बताया कि मित्तू मेडिकल सेंटर दिलकुशा मार्केट पर पहले भी जांच की जा चुकी है। 2010 और 2011 में उनके लाइसेंस सस्पेंड किए गए थे। कमिश्नर सिन्हा ने कहा कि मित्तू कितने समय से कारोबार कर रहा था, इसकी जांच की जा रही है।एसीपी राय की सिफारिश करेंगे डीजीपी को…
सिन्हा ने कहा कि वह एसीपी सर्बजीत सिंह राय की सिफारिश डीजीपी सुरेश अरोड़ा से करेंगे और उनको सम्मान दिया जाएगा। इसके अलावा सेहत विभाग की टीम की अच्छी कारगुजारी के लिए भी सरकार को लिखा जाएगा और उनको पुलिस कमिश्नर कार्यालय की तरफ से प्रशंसा पत्र भी दिए जाएंगे।
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