पंजाब: देवीगढ़ डिवीजन की नाै नई नहरों को बनाने का काम 90 प्रतिशत पूरा

जल स्रोत विभाग के अनुसार 31 मार्च, 2025 तक इन सभी नहरों का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद ही सरहिंद नहर से इनमें पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। क्षेत्र के सभी गांवों में घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है, ताकि इन घरों में नहरी पानी पहुंचाने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।

पंजाब सरकार के जल स्रोत विभाग ने देवीगढ़ डिवीजन की नई 9 नहरों को बनाने का काम 90 प्रतिशत पूरा कर लिया है। इनके बनने से 100 गांवों को 40 साल के बाद अब पीने के लिए नहरी पानी मिलेगा। साथ ही अब 1 लाख 35 हजार 319 एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई का रास्ता भी साफ हो गया है। इन नहरों से प्रमुख रूप से पटियाला, राजपुरा, देवीगढ़ व बहादुरगढ़ को फायदा होगा। संगरूर व सुनाम के आसपास के एरिया को भी साथ में जोड़ा जाएगा। इससे हरियाणा को जा रहे अतिरिक्त पानी पर भी ब्रेक लगेंगे।

प्रदेश का भूजल लगातार गिरता जा रहा है, जिसके चलते भी यह परियोजना अहम है। यही कारण है कि पंजाब सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने के तेजी से निर्देश दिए थे।

जल स्रोत विभाग के अनुसार 31 मार्च, 2025 तक इन सभी नहरों का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद ही सरहिंद नहर से इनमें पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। क्षेत्र के सभी गांवों में घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है, ताकि इन घरों में नहरी पानी पहुंचाने की प्रक्रिया पूरी की जा सके। अभी फिलहाल हरियाणा को अतिरिक्त पानी जा रहा है, लेकिन ये नहरें शुरू होने के बाद ऐसा नहीं होगा।

देवीगढ़ डिवीजन में अतिरिक्त पानी होगा, जिससे अब आसपास के गांवों में तालाबों व छप्पड़ों को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। सरहिंद नहर रोपड़ से शुरू होती है और दक्षिण-पश्चिम में लुधियाना जिले के दोराहा तक जाती है। दोराहा में नहर तीन भागों में विभाजित हो जाती है। अबोहर, बठिंडा और पटियाला ब्रांच।

इनमें से प्रत्येक ब्रांच पंजाब के मालवा क्षेत्र के एक बड़े हिस्से की सिंचाई के लिए आगे भी विभाजित होती है। विभाग ने नई तैयार करने के लिए पुरानी नहरों को पुनर्जीवित करने का काम भी किया है। इन नहरों की हालत खस्ता बनी हुई थी। साथ ही ज्यादातर पर लोगों ने कब्जा भी कर लिया था, जिसे हटाना विभाग के सामने प्रमुख चुनौती थी।

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