पंजाब: भयानक गर्मी ने खड़ा किया नया संकट, एक-दूसरे को मारने पर उतरे लगे लोग

अमृतसर, लुधियाना और जालंधर ट्रेनों का रूट डायवर्ट होने से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पीने के पानी का संकट हो गया है। रेलवे स्टेशन पर लगी टंकियों में पानी खत्म हो रहा है। इस भीषण गर्मी में यात्री पानी के लिए भटक रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर लगी वॉटर वेंडिंग मशीनों पर भी लंबी कतारें लग रही हैं। यहां महिलाएं पानी के लिए झगड़ा करती नजर आती हैं। इतना ही नहीं पानी के अभाव से वॉशरूम की भी सफाई नहीं हो पा रही है। इसके अलावा, अन्य रेलवे द्वारा यात्रियों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि बिना आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को वेटिंग हॉल से दौड़ा दिया जाता है। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों के डायवर्जन से यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई है।

नलकों और वाटर कूलर में नहीं आ रहा पानी
यात्रियों की सुविधा के लिए कालका द्वारा प्लेटफार्म नंबर-1 पर वाटर कूलर और दो नल लगवाए हैं, ताकि प्लेटफार्म पर ट्रेन रुकने पर यात्रियों को आसानी से पानी मिल सके, लेकिन इन नलों और वाटर कूलर से पानी नहीं आ रहा है जिसमें पानी की आपूर्ति नहीं होने से यात्री काफी परेशान हैं। अधिकारियों का कहना है कि टंकियों में पानी खत्म हो गया है। दोपहर 12.20 बजे बेगमपुरा सुपरफास्ट ट्रेन प्लेटफार्म नंबर-1 पर पहुंची, जिसके बाद यात्री पानी की बोतलें भरने के लिए नलों और वाटर कूलरों के पास गए तो उसमें पानी ही नहीं था।

Waiting Hall से भगाया जा रहा
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पानी की इतनी कमी है कि प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर बने वॉशरूम में न तो पानी आ रहा है और न ही सफाई हो रही है। हद तो तब हो गई जब TT वॉशरूम के लिए खड़े यात्रियों के टिकट चेक करने लगे। इतना ही नहीं वेटिंग हॉल में पंखे के नीचे बैठे यात्रियों के टिकट भी चेक किए गए कि उनके पास रिजर्वेशन टिकट है या अनारक्षित टिकट, क्योंकि वेटिंग हॉल में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए आते हैं लेकिन अब उन्हें भी भगाया जा रहा है।

यात्रियों ने शुरू की धक्का-मुक्की
जैसे ही बेगमपुरा सुपरफास्ट ट्रेन चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर रुकी तो यात्री ट्रेन से उतरकर पानी के लिए भागने लगे, जिसके बाद यात्रियों की भीड़ वाटर वेंडिंग मशीन के पास पहुंच गई। वाटर वेडिंग मशीन पर भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि यात्री एक-दूसरे को धक्का देने लगे, इस दौरान कई महिलाएं बीच में खड़ी हो गईं, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां कोई नहीं था।

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