पंजाब : मैरिज पैलेसों, क्लबों, होटलों सहित Public Places के लिए आर्डर जारी
जिला मैजिस्ट्रैट राजेश धीमान ने भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेशों का पालन करते हुए जिले की सीमा के भीतर शोर प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत विभिन्न संगठनों और संस्थानों के लिए पाबंदी के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के अनुसार, जिले में विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठन के नेताओं और अधिकारियों, किसी भी गैर सरकारी संगठन, मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों के निजी, सामाजिक, प्रशासनिक संगठनों द्वारा आयोजित जलसा, रैलियां, विरोध प्रदर्शन आदि के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, आयोजनों आदि पर संस्थाओं आदि के प्रबंधकों/अधिकारियों द्वारा किसी भवन, सार्वजनिक स्थानों, खुले स्थानों, पंडालों में लाऊडस्पीकर आदि का प्रयोग किसी भी समय (दिन या रात) डी.जे., ऑर्केस्ट्रा, संगीत वाद्ययंत्र आदि का उपयोग विभिन्न अवसरों पर (दिन या रात) मैरिज पैलेसों, क्लबों, होटलों और खुले स्थानों आदि में पंजाब इंस्ट्रूमैंट एक्ट 1956 की शर्तों के तहत लिखित मंजूरी के बिना संचालित नहीं किया जाएगा।
लिखित मंजूरी प्राप्त करने के बाद एक वचन पत्र दिया जाएगा कि शोर स्तर 10 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होगा। इसके साथ ही पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार संबंधित उपमंडल मैजिस्ट्रैट यह सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षा के दिनों में परीक्षा से 15 दिन पहले तक किसी भी प्रकार के लाऊडस्पीकर आदि की अनुमति न दी जाए। इसी प्रकार जिले की सीमा के अंतर्गत लाऊड स्पीकर व अन्य कोई भी वाद्य यंत्र आदि बजाने की अनुमति लेने के बावजूद रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी भवन तथा स्थान पर उक्त ऑडियो व वाद्य यंत्र आदि बजाने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और धार्मिक अवसरों पर रात 10 बजे से 12 बजे के बीच, जो पूरे वर्ष में 15 दिनों से अधिक नहीं होगी और शोर स्तर 10 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होगा।
इसके अलावा, निजी मालकीयत वाली शोर प्रणालियों और शोर उत्पन्न करने वाले उपकरणों का शोर स्तर 5 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। जारी आदेशों के अनुसार, जब जिले में किसी के द्वारा शोर प्रदूषण के संबंध में कोई शिकायत प्रस्तुत की जाती है, तो संबंधित उपमंडल मैजिस्ट्रैट अपने स्तर पर संबंधित पुलिस उप-कप्तान वातावरण इंजीनियर, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, होशियारपुर के साथ प्राप्त शिकायत के संबंध में तालमेल स्थापित करके आवश्यक जांच की जाएगी और यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो शिकायत में उल्लिखित शोर प्रदूषण पैदा करने वाले किसी भी ध्वनि/संगीत उपकरण को अदालत द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और उक्त एक्ट के तहत हटा दिया जाएगा और कब्जे में ले लिया जाएगा। वे इस आदेश का उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध उक्त एक्ट पर अपने स्तर से कानूनी कार्रवाई कर प्राप्त शिकायत का निपटारा करेंगे।
जारी आदेशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा संबंधित अनुविभागीय मैजिस्ट्रेट से मंजूरी प्राप्त कर इन लाऊड स्पीकर, ऑडियो/संगीत वाद्ययंत्र आदि की शोर उन स्थानों पर बजाई जाएगी, जहां कार्यक्रम/समारोह स्थल, धार्मिक स्थल तथा भवन की चारदीवारी आदि अंदर ही रहनी चाहिए, जो किसी भी स्थिति में भारत सरकार द्वारा शोर प्रदूषण नियम, 2000 के तहत जारी सूचना में निर्दिष्ट शोर मानक से अधिक नहीं होनी चाहिए। जिला मैजिस्ट्रैट के मुताबिक यह रोक लगाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि मैरिज पैलेसों, होटलों, रैस्टोरैंट आदि में लाऊड स्पीकर, डी.जे. आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, कई पेशेवर गायक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और देर रात तक लाऊड स्पीकर/डी.जे. आदि का उपयोग करते हैं, जिससे निवासियों, रोगियों और स्कूली बच्चों को परेशानी होती है और शोर प्रदूषण भी उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करता है। ये आदेश 8 जनवरी तक लागू रहेंगे।