पंजाब खबर:चिट्टे का नशा बढ़ा रहा एड्स का मर्ज

पंजाब में चिट्टे (सिंथेटिक ड्रग्स) का नशा एड्स के मर्ज को बढ़ावा दे रहा है। अब नाबालिग भी इस बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार नशे के लिए एक ही सीरिंज के इस्तेमाल से एड्स के मामले बढ़ रहे हैं। पठानकोट जिले में एक साल में 150 लोग एड्स से पीड़ित मिले हैं। हर माह लगभग 12 मरीज संक्रमित मिल रहे हैं। इनमें 18 से 20 वर्ष के बीच के युवाओं की संख्या 50 है।

सिविल अस्पताल में बने एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर की एसएमओ डॉ. परविंदर कौर का कहना है कि यह चिंता की बात है कि मरीजों में 18 से 20 वर्ष के युवाओं की संख्या काफी ज्यादा है। इसका मुख्य कारण नशा करने के लिए एक ही सीरिंज का इस्तेमाल करना है। नशेड़ियों की स्क्रीनिंग भी हो रही है, जिसमें पॉजीटिव मरीजों का काफी तेजी से पता चल रहा है। संक्रमितों में बच्चे भी शामिल हैं, जिनका उपचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमित मरीजों को पूरी जिंदगी दवाई खानी पड़ती है।

डॉ. परविंदर कौर के अनुसार आज से पांच साल पहले ट्रक चालक और कपल ही एड्स से ज्यादा पीड़ित मिलते थे लेकिन अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। संक्रमित मरीजों में 7 प्रतिशत नशेड़ी, 6.9 प्रतिशत ट्रक चालक, 80 प्रतिशत कपल शामिल हैं। बच्चे मां-बाप की लापरवाही से संक्रमित होते हैं। कई बच्चों को यह बीमारी गर्भावस्था में ही लग जाती है।

नशा मुक्ति केंद्रों में नौ लाख से ज्यादा मरीज

पंजाब के नशा मुक्ति केंद्रों में इस समय नौ लाख से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इनमें निजी केंद्रों में 6.75 लाख, जबकि सरकारी में 2.77 लाख मरीज भर्ती हैं। हालांकि कुछ एनजीओ का दावा है कि नशा पीड़ितों की कुल संख्या 12 लाख से भी ज्यादा है। सरकार इन केंद्रों में भी लगातार मरीजों के स्वास्थ्य की जांच करती है। अभी हाल ही में सरकार ने निजी नशा मुक्ति केंद्रों की जांच करवाने का आदेश दिया है।

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