पंजाब में चक्का जाम: जालंधर में जम्मू-दिल्ली हाईवे पर बैठे किसान

पंजाब में रविवार को किसानों ने हाईवे जाम कर दिए हैं। धान की खरीद व्यवस्थित रूप से सुनिश्चित करने को लेकर किसान सड़कों पर उतर आए हैं। इस वजह से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी आम जनता को झेलनी पड़ रही है। किसानों ने सरकारी बसों सहित सभी तरह के छोटे-बड़े वाहनों को रोक दिया है। 

पंजाब के जालंधर में भी किसानों ने दोपहर 12 बजे धन्नोवाली फाटक के पास से नेशनल हाईवे जाम कर दिया। जालंधर-लुधियाना हाईवे पर धन्नोवाली रेलवे क्रासिंग के पास सड़क पर किसान बैठे हुए हैं। इससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गईं। इस दौरान किसान वाहन चालकों को हड़काते भी दिखाई दिए। सबसे बड़ी बात यह थी कि किसानों ने दोनों तरफ से हाईवे बंद कर दिया है, जिसके चलते लुधियाना, अंबाला, दिल्ली जाने वाला यातायात प्रभावित हुआ। इसके अलावा अमृतसर, पठानकोट, जम्मू सहित अन्य राज्यों में जाने वाला यातायात भी बाधित हो गया। 

किसानों के इस जाम के कारण नेशनल हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारे लग गईं है। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ट्रैफिक को अन्य रास्तों से डाइवर्ट कर जाम को कम करने का प्रयास कर रही है। लोगों को हो रही असुविधा पर किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि आज यानी रविवार को उक्त जाम के बारे में पहले ही बता दिया गया था। लोगों को हो रही परेशानी के लिए सरकार व प्रशासन जिम्मेदार है। किसानों के इस जाम से लोगों के भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

लुधियाना-बठिंडा हाईवे पर चक्का जाम 
एसकेएम के आह्वान पर रविवार को किसान और मजदूर संगठनों ने लुधियाना-बठिंडा राज मार्ग पर रायकोट के सरदार हरी सिंह नलवा चौक और कस्बा सुधार बाजार स्थित खालसा कॉलेज के सामने धरना देकर यातायात ठप कर दिया है। पहले से ही तय कार्यक्रम के तहत इन जत्थेबंदियों के नेता और कार्यकर्त्ता ठीक 12 बजे धरनास्थल पर पहुंचे और सड़कें जाम कर दी। रायकोट में कुल हिंद किसान सभा और खेत मजदूर यूनियन द्वारा सभा के राज्य महासचिव बलजीत सिंह की अगुवाई में प्रदर्शन किया गया। सुधार बाजार में बीकेयू दोआबा के जिला प्रधान जसप्रीत सिंह जस्सी ढट्ट की अगुवाई में किसान और मजदूर धरने पर बैठे हैं। जस्सी ढट्ट ने कहा कि सरकारें लगातार किसान मजदूरों को झूठे आश्वासन देकर बरगला रही हैं, जबकि धरातल पर दोनों वर्गों की परेशानी हल नहीं हुई।

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