पंजाब: श्री करतारपुर साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए अहम खबर
5 साल पहले पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए रास्ता खोलने की मिली सुविधा के बावजूद इस गुरुद्वारा साहिब के दर्शन अभिलाखी श्रद्धालुओं को कई मामलों में निराशा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अंतर्गत अब दिसम्बर की छुट्टियों दौरान भारतीय नागरिकों को अप्लाई करने के लिए 20 से 30 दिसम्बर तक का कोई स्लाट न मिलने के कारण श्रद्धालुओं में रोष पाया जा रहा है।
इस संबंधी पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए दिलबीर फाऊंडेशन अमृतसर के प्रधान गुनबीर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 9 नवम्बर 2019 को यह कोरीडोर खोलने की रस्मिया शरूआत की थी। बेशक उस मौके से श्रद्धालु पाकिस्तान में जा कर गुरु नानक देव साहिब जी के अंतिम विश्राम स्थान के दर्शनों के लिए पासपोर्ट की शर्त हटाने सहित अन्य कई मांगें करते आ रहे हैं, परंतु अभी तक मांग पूरी नहीं हुई, परंतु फिर भी श्रद्धालु सभी शर्तें पूरी करके उक्त गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने के लिए पूरे उत्साह से जाते हैं।
बहुत से श्रद्धालु जाना तो चाहते हैं, परंतु वह शर्तें पूरी न कर सकने के कारण गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने से वंचित रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरीडोर खोलने का ऐलान किया गया था कि रोजाना के 5,000 श्रद्धालुओं को (विशेष दिनो में 10,000) करतारपुर साहिब जाने की आज्ञा दी जाएगी, परंतु बाद में कोविड महामारी दौरान यह कोरीडोर लंबा समय बंद रहा और 17 नवंबर 2021 को दोबारा खोला गया।
उस साल दौरान 10025 श्रद्धालुओं ने यात्रा का आनंद लिया। 2022 में 86097 और 2023 में 96555 ने इस पवित्र स्थान के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि अब जब सब कुछ ठीक है तो भी श्रद्धालुओं को अपनी मर्जी के दिनों में करतारपुर साहिब जाने से रोका जा रहा है जिस की मिसाल अब 20 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक के सभी स्लाट बुकिंग के लिए बंद कर दिए जाने से मिलती है। उन्होंने कहा कि दिसम्बर की इन छुट्टियों के कारण बच्चों के पास टाइम होता है और इन दिनों में गुरुपर्व भी हैं।
इसके साथ ही विभिन्न स्थानों से श्री हरमिन्दर साहिब में आने वाले श्रद्धालु भी करतारपुर साहिब जाना चाहते हैं। इस के चलते इन दिनों में संगत की संख्या और भी बढ़ सकती है। परंतु स्लाट बंद कर दिए जाने के कारण श्रद्धालुओं में रोष है। एक तरफ संबंधित अथॉरिटी यह दावा करती है कि 5000 हजार श्रद्धालु जाने की व्यवस्था होने के बावजूद औसतन 250- 300 श्रद्धालु जाते हैं। परंतु जिन दिनों में ज्यादा श्रद्धालु जाना चाहते हैं, उन दिनों में बुकिंग के लिए स्लाट ही नहीं दिए जा रहे।
उन्होंने यह भी रोष जाहिर किया कि 2019 में डेरा बाबा नानक विकास अथारिटी का गठन होने के बावजूद इस क्षेत्र के सर्वपक्षीय विकास, इस के सड़की ढांचे और सहूलियतों की तरफ बहुत कम काम किया गया है। दिलबीर फाऊंडेशन ने केंद्रीय विदेश मंत्रालय को इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की है। फाऊंडेशन के प्रधान गुनबीर सिंह ने पंजाब राज्य सरकार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को भी अपील की कि वह इस बेइन्साफी को जल्दी से जल्दी केंद्र सरकार के पास पहुंच करके इस को सुधारने में मदद करें।