पंजाब खूब जल रही पराली; हवा जहरीली, सांस लेना दूभर
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद पंजाब में पराली जलने के मामले कम नहीं हो रहे। लगातार पराली जलने से राज्य की हवा भी सांस लेने लायक नहीं बची है। वीरवार को पराली जलाने के 258 मामले दर्ज किए गए। अब तक कुल 5299 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
खास बात ये है कि इनमें से पराली जलाने के 60 फीसदी यानी 3162 मामले बीते दस दिनों में दर्ज किए गए हैं। यही कारण है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अब पंजाब में सख्ती कर दी है। राज्य में पराली प्रबंधन के लिए जमीनी स्तर पर पर्याप्त इंतजाम हैं या नहीं, इसकी जांच करने के लिए आयोग की टीम 13 नवंबर को पंजाब आ रही है।
टीम में तकनीकी व पर्यावरण विशेषज्ञ, आयोग के सदस्य व अधिकारी शामिल होंगे। यह टीम पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी करेगी क्योंकि पराली प्रबंधन में प्रमुख जिम्मेदारी इन तीनों विभागों की है। प्रदेश में आयोग की टीम के आने की सूचना के बाद राज्य सरकार ने भी सख्ती करनी शुरू कर दी है। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इसके तहत बुधवार को 56 अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है, जबकि 977 अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सीएम के जिले संगरूर में सबसे ज्यादा जली पराली
सरकार भले ही दावा पराली कम जलने का दावा करती हो लेकिन रोजाना करीब 250 मामले दर्ज हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर ही पराली जलाने का हाॅट स्पाॅट बना हुआ है। यहां अब तक 887 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पराली की वजह से ही हवा भी बेहद प्रदूषित है। वीरवार को मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई सबसे अधिक 252 दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर 244 और बठिंडा 210 के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। जालंधर का एक्यूआई 174, खन्ना का 183 और पटियाला व लुधियाना 173-173 के साथ येलो जोन में रहे।
अब तक पराली जलने के 5299 केस
पंजाब में पराली जलाने के कुल मामले इस बार 5299 हो गए हैं। जिला संगरूर में 887, अमृतसर में 633 और तरनतारन में 612 केस दर्ज किए गए। पराली जलने से हवा खराब हुई है जिस वजह से लोगों का सांस लेना दूभर होता जा रहा है। ज्यादा परेशानी अस्थमा और हार्ट पेशेंट्स को हो रही है। हालांकि हवा चलने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है।