पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक और वकील पर गाज: महिला यौन उत्पीड़न का आरोप

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान विकास मलिक के बाद अब एक और वकील को बड़ा झटका देते हुए यौन उत्पीड़न के मामले में बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी ने उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया है। इस वकील पर मलिक के सहयोग व बातचीत के दौरान महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणियों का आरोप है। इसके साथ ही कमेटी ने बुड़ैल जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि विकास मलिक और उनके वकील को मिलने के लिए उचित मौका दिया जाए।

बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक वीरवार को हुई जिसमें आरोपी वकील से बातचीत की ऑडियो पेश की गई। इस ऑडियो को सुनने के बाद कमेटी ने कहा कि पहली ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट को ध्यान से देखने पर पाया गया है कि कई मौकों पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले अपमानजनक संदर्भ हैं, जिनका इस स्तर पर उल्लेख नहीं किया जा सकता है। यह समिति शिकायतकर्ता और आरोपी एडवोकेट के बीच कथित बातचीत को सुनने के बाद शर्मिंदा है। आरोपी वकील द्वारा बातचीत में इस्तेमाल किए गए शब्द न केवल घटिया और अनैतिक हैं, बल्कि एक सज्जन व्यक्ति की शब्दावली और विचार प्रक्रिया के अनुरूप भी नहीं हैं। ऐसा तब जब आरोपी वकील 25 साल से अधिक के अनुभव वाला है। ऐसे में कमेटी ने अब आरोपी वकील को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी कर पक्ष रखने का आदेश दिया है।

यह था मामला
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के फंड में घोटाले का आरोप लगाते हुए बार काउंसिल में शिकायत दी गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट में भी इसको लेकर याचिका दाखिल की गई थी। इसमें जारी नोटिस को देने के लिए याची वकील बार प्रधान विकास मलिक के पास पहुंचा तो उससे मारपीट हुई। जब जनहित याचिका पर सुनवाई आरंभ हुई तो इस घटना के बारे में कोर्ट को पता चला। हाईकोर्ट ने यौन उत्पीडऩ की मुख्य न्यायाधीश के पास आई सभी शिकायतों को बार काउंसिल को भेजते हुए उचित कार्रवाई का आदेश दिया था। इसी के तहत बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी ने प्रधान विकास मलिक का लाइसेंस निलंबित किया था। अब इस मामले में एक और वकील का नाम सामने आया है। कमेटी ने उसे भी अब आरोपी बना नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया है।

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