पंजाब: पुलिस ने करवाया जेलों का आंतरिक सुरक्षा मूल्यांकन

पंजाब की अलग-अलग जेलों से खासकर प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद से जेल में समय-समय पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान हजारों मोबाइल बरामद हुए। वर्ष 2022-23 में 4,716 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। फिरोजपुर जेल से बीते वर्ष 500 से अधिक मोबाइल बरामद किए गए थे। इनमें से दो मोबाइल ऐसे हैं, जिनसे करीब 43 हजार कॉल की गई थीं।

पंजाब की जेलों में ड्रग्स और मोबाइल फोन का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल से दिए गए इंटरव्यू के बाद जेल प्रबंधन ने पहले से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। इसके बावजूद जेलों में ड्रग्स और मोबाइल मिलने का सिलसिला जारी है। 

पहली बार पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस और जेल प्रबंधन की एक टीम ने आंतरिक सुरक्षा मूल्यांकन (इंटरनल सिक्योरिटी असेसमेंट) किया है। इसके जरिये जेल में आसानी से पहुंच रही ड्रग्स और मोबाइल के नेटवर्क का पता लगाया है।

प्रदेश की सभी जेलों में कराई गई इंटरनल सिक्योरिटी असेसमेंट रिपोर्ट में चौंकाने वाले 7 से 8 तथ्य सामने आए हैं। इस इंटरनल सिक्योरिटी असेसमेंट को लीड करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैदियों के पास ड्रग्स और मोबाइल जेल की ऊंची दीवारों को लांघ कर पहुंच रहे हैं। अधिकतर जेलों की चारदीवारी पुरानी हो चुकी हैं। इन पुरानी चारदीवारी की ऊंचाई अपराधियों के मंसूबों के आगे छोटी पड़ने लगी है। जेलों के बाहर अपराधियों के गुर्गे कुछ नियमित समय में जब जेल प्रबंधन अपनी दिनचर्या में जुटा होता है तब जेल के बाहर से ड्रग्स और मोबाइल किसी कपड़े या थैली में लपेट कर अंदर फेंकते हैं। यह ड्रग्स और मोबाइल जेल में बंद उसी कैदी को मिले, इसकी प्लानिंग पहले ही मोबाइल कॉल के जरिये हो जाती है।

पेशी से लौटते समय भी ड्रग्स, मोबाइल ले आते हैं कैदी
इंटरनल सिक्योरिटी असेसमेंट रिपोर्ट में दूसरी बड़ी कमी यह पकड़ में आई है कि जब कैदी को पेशी के लिए अदालत ले जाया जाता है तो उसके परिजन और दोस्त बातचीत के लिए पुलिसकर्मी से कुछ समय मांगते हैं, इसी दौरान वे उन्हें ड्रग्स और मोबाइल दे देते हैं। कैदी इन ड्रग्स और मोबाइल को छिपाकर जेल के अंदर ले आते हैं। कई जेलों में कैदियों की चेकिंग के दौरान उनके पास से ड्रग्स की पुड़िया और मोबाइल निकाले गए हैं।

यहां कमजोर पड़ रही पुलिस 
– जेल प्रबंधन में केवल 60 प्रतिशत कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है, 40 प्रतिशत कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं।
– जेल में फुल बॉडी स्कैनर और उच्च गुणवत्ता की डिटेक्टर मशीन न होने की वजह से।
– जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या के कारण एक-एक की जांच कर पाना कठिन हो रहा।
– जेलों में जैमर्स की व्यवस्था का न होना।

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