प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 108वें सत्र का किया उद्घाटन…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। विज्ञान में जोश के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्ण आते हैं।
पीएम बोले- ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 40वें स्थान पर है भारत
108वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत स्टार्टअप्स में शीर्ष 3 देशों में शामिल है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे, लेकिन 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत की वैज्ञानिक समुदाय भारत को 21वीं सदी में वो मुकाम हासिल कराएगी जिसका वो हमेशा हकदार रहा है।
साइंटिफिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है भारत’
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के आज के भारत में हमारे पास दो चीजे हैं। पहली डेटा और दूसरी तकनीक है। इन दोनों में भारत के विज्ञान को नई बुलंदियों में पहुंचाने की ताकत है। डेटा विश्लेषण की फील्ड तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। आज का भारत जिस साइंटिफिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के टॉप देशों में शामिल हो रहा है।
विज्ञान के क्षेत्र में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विज्ञान के प्रयास तभी फल ला सकते हैं, जब वे प्रयोगशाला से जमीन पर जाएं। पीएम ने आगे कहा कि 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किए जाने के साथ ही विज्ञान के उपयोग से भारत के बाजरा और उनके उपयोग में और सुधार किया जाना चाहिए। आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि साइंस के जरिए वुमन इम्पावरमेंट करें, बल्कि वुमन की भागीदारी से साइंस का भी इम्पावरमेंट करें। साइंस और रिसर्च को नई गति दें, यह हमारा लक्ष्य है।
महिला सशक्तिकरण है मुख्य विषय
इस वर्ष के भारतीय विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी है। इस आयोजन के दौरान सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिभागी महिलाओं को एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा, अनुसंधान के अवसरों और आर्थिक भागीदारी तक समान पहुंच प्रदान करने के तरीके खोजने के प्रयासों के साथ-साथ शिक्षण, अनुसंधान और उद्योग के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।