प्रणव ने कड़ी मेहनत करके अपने मां के लिए घर के आंगन में ही कुआं खोद डाला और पानी निकाल लिया..

16 साल के प्रणव से अपनी मां की परेशानी देखी नहीं जाती थी। वह अपने गांव से दूर पानी लेने जाती थी। प्रणव ने कड़ी मेहनत करके घर के आंगन में ही कुआं खोद डाला और पानी निकाल लिया।

श्रवण कुमार की कहानी सभी ने सुनी होगी जिन्होंने अपने बूढ़े मां-बाप की सेवा करके एक उदाहरण पेश किया था। महाराष्ट्र के पालघर में एक 16 साल के लड़के ने भी अपनी मां के लिए ऐसा काम किया है जिसको सुनकर लोग उसकी तुलना श्रवण कुमार से कर रहे हैं। प्रणव रमेश सालकर ने बचपन से ही अपनी मां को पानी के लिए कड़ी मशक्कत करते और दूर नदी से पानी भरकर लाते देखा था। उससे मां का यह कष्ट देखा नहीं जा रहा था इसलिए अपने आंगन में ही कड़ी मेहनत करके एक कुआं खोद डाला। 

सालकर ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि मेरी मां को इतनी दूर नदी से पानी लेने नहीं जाना पड़ेगा। प्रणव कक्षा 9 में पढ़ने वाला एक आदिवासी लड़का है। उसने अपने आंगन में ही कुआं खोद दिया। प्रणव के पिता रमेश ने कहा, वह पूरे दिन खुदाई करता रहता था। केवल 15 मिनट का लंच ब्रेक लेता था। प्रणव ने कहा, मेरी मां सुबह उठकर सबसे पहले पानी लेना जाती थी और बाल्टियों में इतनी दूर से पानी लेकर आती थीं। मुझे यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। 

प्रणव के पिता रमेश सब्जियों के खेतों में मजदूरी करते हैं। प्रणव अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटा है। प्रणव के इस काम की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है। लोग प्रणव का खोदा हुआ कुआं देखने और उससे मिलने आने लगे। पंचायत समिति के चीफ ने कहा कि स्थानीय निकाय ने अब प्रणव के घर में पानी की एक 
टोटी भी लगवा दी है। इसके अलावा समिति उसकी और भी मदद करना चाहती है। 

एक आंत्रप्रेन्योर ने कहा, प्रणव ज्यादा बोलता नहीं है लेकिन वह बहुत ही अनेवेषी है। वह अपने दिमाग से उपकरण बनाता रहता है। उसने हाल ही में अपनी झोपड़ी में उजाला करने के लिए मोटरबाइक की बैट्री से सोलर पैनल जोड़ दिया था। जिससे रात में भी उसके परिवारको रोशनी मिलती थी। 

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