मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामला: बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू

पटना। मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौनशोषण मामले को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। विधानमंडल के मानसून सत्र की कार्यवाही में दोनों सदनों के साथ ही लोकसभा में भी इस मामले की गूंज सुनाई दी। इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए तो वहीं भाजपा और जदयू ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जो भी आरोपी होगा उसे सजा मिलेगी।
मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 29 नाबालिग लड़कियों के साथ हुए रेप के मामले में सोमवार को बिहार विधानसभा में राजद के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इस मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया। राबड़ी ने कहा कि मुजफ्फरपुर में बच्चियों के साथ हुई घटना बिहार सरकार की नाकामी दिखाती है। ऐसी सूचना मिल रही है कि बालिका गृह की लड़कियों को बड़े लोगों के सामने पेश किया जाता था। पुलिस छोटे आरोपियों पर कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन बड़े लोगों को बचा रही है।
बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में कार्रवाई शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने राज्य में सूखे, मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह रेप कांड और थानों में खराब पड़ी सीसीटीवी पर सरकार को भरपूर घेरने का प्रयास किया। विपक्ष ने सूखे को लेकर विधानसभा में कार्यस्थगन का प्रस्ताव रखा।
सदस्यों ने कहा कि पूरे बिहार में सूखे से किसान परेशान हैं. किसानों की हालत खराब हो चुकी है. जिसे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जिसके बाद विपक्षी दलों ने विधानसभा के बाहर आकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. मुजफ्फरपुर की घटना तेजप्रताप ने कहा कि सरकार के लोग इस तरह का काम करा रहे हैं। सदन में तेजस्वी के सवाल पर सरकार की बोलती बंद रहती है।मुजफ्फरपुर जैसी घटना रोज पूरे बिहार में घट रही है। सरकार इस मामले पर जबाब देना चाहिए।
इन आरोपों पर जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि ये सरकार ना किसी को बचाती है ना फंसाती है। जो भी दोषी पाए जाएंगे उन्हें सजा दी जाएगी। बेवजह का आरोप लगाना ठीक नहीं है। वहीं भाजपा नेता ने कहा कि इस मामले पर सरकार की पूरी नजर है। इसकी जांच चल रही है। इससे संबंधित जो भी कार्रवाई होगी, उसे किया जाएगा और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।