जहर के समान है इन लोगों के लिए सोयाबीन, 4 दिन में पूरा शरीर कर देगी खोखला

सोयाबीन एक प्रकार की फसल है जो दलहन नहीं बल्कि तिलहन की श्रेणी में रखी जाती है। इसे बतौर दाल खाया जाता है, इसका तेल प्रयोग में लाया जाता हे, इसे सोयाबीन चंकस तैयार किए जाते हैं। सोया सॉस इससे बनाया जाता है साथ ही सोया मिल्‍क भी इसी से तैयार किय

सोया और सोया से बनने वाले पदार्थों के कई फज्ञयदे आपने आज तक सुने ओर पढ़े होंगे लेकिन आज जानिए इसे बहुत अधिक मात्रा में खाने के क्‍या नुकसान हो सकते हैं । एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि बहुत अधिक मात्रा में सोयाबीन का सेवन करना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। soyabin कुछ बीमारियों ऐसी भी बताई गई हैं जिसमें सोयाबीन का सेवन करना बिलकुल भी सही नहीं है । इन बीमारियों के रोगी अगर लगातार सोयाबीन का सेवन कर रहे हें तो यह उनके लिए जहर के समान होता है, एक धीमे जहर की तरह ये उनके शरीर को खोखला कर रही हैं ।

 
हार्ट प्रॉब्‍लम

लंबे समय से सोयाबीन को दिल के मरीजों के लिए बेस्‍ट डायट में से एक माना गया है । सोयाबीन खाने से प्रोटी भी मिलता है और इसमें मौजूद heart कॉलेस्‍ट्रॉल भी अधिक नुकसान नहीं पहुंचाता है । लेकिन ताजा शोध में इसे दिल के मरीजों के लिए हेल्‍दी नहीं माना गया है । इसमें ट्रांस फैट पाए जाते हैं जो दिल के लिए अच्‍छे नहीं होते, इसका ज्‍यादा प्रयोग करने से ये आपके दिल को कमजोर बना सकते हैं ।

 
गर्भवती महिलाएं करें परहेज

प्रेग्‍नेंट महिलाओं को सोयाबीन का अधिक सेवन करना मुश्किल में डाल सकता है । इसे पचने में थोड़ा अघिक समय लगता है, इसे खाने के बाद उलटी या मितली जैसा महसूस हो सकता है । इसके अलावा ब्रेस्‍टफीड कराने वाली महिलाओं को भी सोयाबीन के सेवन से बचना चाहिए । सोया या सोया से बने कोई भी उत्‍पाद आपके लिए उपयुक्‍त नहीं है।आप इन्‍हें बहुत पसंद करती हैं तो कभी कभार इसे खा सकती हैं ।

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इन समस्‍याओं में भी ना करें सेवन

ऐसे लोग जिन्‍हें एलर्जी की प्रॉब्‍लम है, दूध से कोई एलर्जी है, किसी खास चीज को खाने या सूंघने से माइग्रेन ट्रिगर हो जाता हो उन्‍हें भी सोयाबीन का सेवन नहीं करना चाहिए । इसके अलावा वो लोग जिनमें वजन बढ़ाने वाला थायरॉयड हो उन्‍हें भी इसके सेवन में कमी लानी चाहिए । सोयाबीन और इससे बने पदार्थों का रोजाना सेवन करना सेहत के लिए सही नहीं है।

किडनी के रोगी ना खाएं
सोयाबीन और इससे बने उपदार्थो में फीटोएस्ट्रोजन नामका एक रासायनिक तत्‍व पाया जाता है । आमतौर पर ये नुकसान नहीं पहुंचाता हे लेकिन वो लो जिनकी किडनी कमजोर है, या किडनी संबंधी कोई रोग जिन्‍हें सता रहा हे उन्‍हें इसका सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए । किडनी के लिए ये कैमिकल जहर के जैसा है जो किडनी फेल होने का कारण भी बन सकता है ।

यूरीन कैंसर के मरीज बना लें दूरी
ऐसे लोग जो मूत्राशय के कैंसर या यूरीन कैंसर से पीडित हैं उन्‍हें सोया प्रोडक्‍ट्स को दूर से ही ना कह देना चाहिए । इन लोगों की सेहत के लिए appendix pain ये बिलकुल भी हितकर नहीं हे । वो लोग जिनकी फैमिली हिस्‍ट्री में किसी को इस कैंसर से दो चार होना पड़ा हो वो भी सोया पदार्थों का सेवन ना करें । सोयाबीन या इससे बने उत्‍पाद खान आपके जीन्‍स में यूरीन कैंसर की संभावना को बढ़ाते हैं ।

मधुमेह
यदि आप डायबिटीज से पीडि़त हैं तो सोया प्रोडक्‍ट आपके लिए नहीं है । इनका बहुत अधिक प्रयोग आपको नुकसान ही पहुंचाएगा । हफ्ते में एक से दो बार आप इनका सेवन कर सकते हैं लेकिन वो भी उचित मात्रा में । परिवार में किसी को डायबिटीज है तो आपको भी इसके होने का खतरा सौ फीसदी होता है, ऐसे में सोया प्रोडक्‍ट्स से ज्‍यादा दोसती सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है ।

 

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