पीएम की ड्रीम योजना आयुष्मान में सेंधमारी का मामला आया समाने, जानें.. 

पीएम की ड्रीम योजना आयुष्मान में सेंधमारी कर सरहद पर स्थित निजी अस्पताल ने फर्जी मरीजों का पैकेज बनाकर 3.92 करोड़ रुपये हड़प लिए हैं। यह फर्जीवाड़ा 689 मरीजों का इलाज दर्शाकर किया गया है। स्टेट टीम की जांच में खुलासा होने पर धन जमा करने के लिए संचालक को कई बार नोटिस भी दी गई, लेकिन धन नहीं जमा कराया गया है। अब एसडीएम के नेतृत्व में टीम राजस्व वसूली के लिए गठित की गई है। जल्द ही टीम रिकवरी के लिए अस्पताल दस्तक देगी। 

भारत-नेपाल सीमा से लगे रुपईडीहा में स्थित राम जानकी डिजिटल हॉस्पिटल है। इस हॉस्पिटल को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध किया गया था। पिछले साल हॉस्पिटल ने 689 आयुष्मान मरीजों का इलाज दिखाकर क्लेम किया था। आयुष्मान लाभार्थी मरीजों में  85 फीसद का 50 हजार से एक लाख रुपये तक के पैकेज का दर्शाया गया था। सीमित संसाधन वाले क्षेत्र में गंभीर बीमारियों के के इलाज को लेकर आशंका जाहिर की गई। स्टेट टीम ने क्लेम के आधार पर गोपनीय तरीके से दर्शाए गए मरीजों की जांच कराई तो मरीज मिले ही नहीं। इस पर संचालक से रिपोर्ट मांगी गई। रिपोर्ट के आधार पर स्टेट के विशेषज्ञों की टीम ने मार्च में जांच किया। जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया है। 

तकनीकी टीम ने एक-एक मरीज का सत्यापन कर तीन करोड़ 92 लाख 24550 रुपये फर्जी आयुष्मान मरीजों के नाम दर्शाकर पहले ही भुगतान करा लेने की रिपोर्ट सौंपी। इस पर संबद्धता खत्म करते हुए आईडी व पासवर्ड भी बंद कर दिया गया है। नोटिस जारी कर तत्काल हड़पे गए धन को वापस जमा कराने को कहा गया है। जून में अंतिम नोटिस जारी की गई, लेकिन संचालक ने एक भी नोटिस का जवाब नहीं दिया। अब पीएम जन आरोग्य आयुष्मान योजना की मुख्य कार्यपालक संगीता सिंह ने डीएम डॉ. दिनेश चंद्र को ड्रीम योजना में हुए गोलमाल की रकम के लिए राजस्व वसूली को रिपोर्ट भेजी है। डीएम ने एसडीएम नानपारा के नेतृत्व में टीम गठित कर दी है।

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