पीएम मोदी की लोकप्रियता साल 2017 में हुई शीर्ष से भी ज्यादा: सर्वे
सत्ता में तीन साल बिताने के बाद भी प्रधानमंत्री की लोकप्रियता न केवल बरकरार है, बल्कि उसमें और बढ़त भी हुई है। जानी-मानी सर्वेक्षण संस्था पियू रिसर्च सेंटर यानी पियू के ताजा सर्वे के अनुसार भारत में हर नौ में से एक व्यक्ति नरेंद्री मोदी के प्रति सकारात्मक राय रखता है।
ऐसे लोगों का कुल प्रतिशत 88 है और इनमें 69 प्रतिशत मोदी के प्रबल समर्थक हैं। पियू के मुताबिक 2016 में मोदी की लोकप्रियता में थोड़ी गिरावट आई थी, लेकिन 2017 में उन्होंने न केवल खोया हुआ जन समर्थन हासिल किया, बल्कि उसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि भी हासिल की।
मोदी सबसे अधिक लोकिप्रय 18 से 29 आयु वर्ग के लोगों के बीच हैं। खास बात यह है कि मोदी सबसे अधिक (95 प्रतिशत) दक्षिण भारत में लोकप्रिय हैं।
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इसके बाद पश्चिम भारत (92 प्रतिशत) में, फिर पूर्वी भारत ( 85 प्रतिशत) और उत्तर भारत ( 84 प्रतिशत) में। इस सर्वेक्षण के अनुसार, 2013 में मोदी की लोकिप्रयता 78 फीसद थी। तब वह पीएम पद के उम्मीदवार थे। 2015 में उनकी लोकिप्रयता ने 87 प्रतिशत का आंकड़ा छुआ।
2016 में लोकप्रियता का प्रतिशत 81 रहा। इस वर्ष यानी 2017 में मोदी के मुकाबले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता 58 प्रतिशत दर्ज की गई।
2016 में राहुल की लोकप्रियता का प्रतिशत 63 था, 2015 में 62 और 2013 में 50। लोकप्रिय नेताओं की सूची में तीसरे पायदान पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इस वर्ष उनकी लोकप्रियता का प्रतिशत 57 दर्ज किया गया।
यह 2016 में 65 फीसद था, 2015 में 58 और 2013 में 49। चौथे पायदान पर नजर आ रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता में खासी गिरावट आई है।
इस वर्ष यानी 2017 में उनकी लोकप्रियता का प्रतिशत 39 ही रहा, जबकि 2016 में 50 था और 2015 में 60। 2013 में वह सर्वे में ही शामिल नहीं थे।
इन चारों नेताओं में मोदी एक मात्र ऐसे नेता हैं जिनकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। शेष तीनों की लोकप्रियता गिरी है।
यह सर्वे मोदी के समक्ष कुछ चुनौतियां भी दिखा रहा है, क्योंकि 73 प्रतिशत भारतीय युवा रोजगार के अवसरों में कमी को एक बड़ी समस्या मान रहे हैं।
भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या मानने वालों का प्रतिशत 74 है तो आतंकवाद को गंभीर समस्या मानने वालों का प्रतिशत 76। राहत की बात यह है कि ज्यादातर लोग यह भी मान रहे हैं कि मोदी इन समस्याओं से सही तरह निपट रहे हैं।
पियू रिसर्च सेंटर का यह सर्वे ब्रूस स्टोक्स के नेतृत्व में किया गया है। इस वर्ष 21 फरवरी से 10 मार्च के बीच ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में किए गए इस सर्वे का सैंपल साइज 2464 था।