PM मोदी ने ड्रोन से 20 मिनट में केदारनाथ के चप्पे-चप्पे को निहारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निमाण कार्यों का नई तकनीकी से बारीकी से मुआयना किया। ड्रोन के जरिये तकरीबन 20 मिनट तक मोदी ने मुख्य मंदिर और पुराने चबूतरे के आकार से ढाई गुना से ज्यादा बड़े नए चबूतरे के निर्माण, वर्ष 2013 की आपदा में कहर ढाने वाली मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाई जा रही सुरक्षा दीवारों समेत पुनर्निर्माण कार्यों के साथ केदारपुरी के चप्पे-चप्पे को निहारा।
बर्फबारी समेत मौसम की दुश्वारियों के बीच आधुनिक तकनीक से केदारनाथ में निर्माण कार्यों का जायजा लिए जाने से खुश प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, केंद्र सरकार के सचिवों के सामने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश कुमार घिल्डियाल समेत पूरी टीम को सराहा।
वर्ष 2013 की आपदा से तहस-नहस हुई केदारपुरी को नए तरीके से विकसित करने की मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। बुधवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रगति (प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) में यह नुमायां भी हुआ।
प्रगति की समीक्षा शुरू होते और टीवी स्क्रीन पर सामने आते ही श्रीकेदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों को देखने के उत्सुक प्रधानमंत्री मोदी बोले, उत्पल जी दिखाइये कार्य।
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पीएम का संबोधन सुनते ही सचिवालय स्थित अपने सभाकक्ष में आला अधिकारियों के लाव-लश्कर के साथ मौजूद मुख्य सचिव ने दोपहर करीब 3.37 बजे आपदा से पहले केदारनाथ धाम की पुरानी तस्वीरें दिखाईं। इसमें केदारनाथ धाम की तंग गलियां, नजदीक बने भवन, दुकानें प्रधानमंत्री ने देखीं।
मुख्य सचिव ने की कमेंट्री
करीब तीन बजकर 40 मिनट से केदारनाथ धाम में एक्टिवेट हुए ड्रोन ने पुनर्निर्माण कार्यों को सीधे दिखाना शुरू कर दिया। ड्रोन के सामने केदारनाथ मंदिर समेत केदारपुरी के जिस क्षेत्र के पुनर्निर्माण कार्य सामने आते, मुख्य सचिव कमेंट्री कर कार्यों की प्रगति की जानकारी प्रधानमंत्री को देते जाते।
पुनर्निर्माण कार्यों का मुआयना
मुख्य सचिव ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के चबूतरे का विस्तार 1500 वर्गमीटर से बढ़ाकर 4125 वर्गमीटर किया गया है। फर्श का आधार बन चुका है, जबकि पत्थर बिछाने का कार्य चल रहा है। मंदिर तक 50 फीट चौड़ा और 250 मीटर लंबा मार्ग बनाया जा रहा है। इसके दोनों किनारों पर ड्रेन और डक्ट बनाया जाएगा।
24 भागों में बंटे इस मार्ग के 20 पैनल में सतह के कार्य पूरे हो गए हैं। पत्थर काटने, तराशने और बिछाने का कार्य चल रहा है। सरस्वती नदी पर 470 मीटर लंबी और मंदाकिनी नदी पर 380 मीटर सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य भी चल रहा है। मौसम अनुकूल होने पर 73 पुरोहितों के घरों का निर्माण कार्य शुरू होगा।
ड्रोन रेकॉर्डिंग की भी रही व्यवस्था
मुख्य सचिव ने भैरव मंदिर के नीचे ध्वस्त हो चुके पुल और तप्त कुंड के बारे में प्रधानमंत्री को बताया। उन्होंने बताया कि अब इस पुल और कुंड दोनों को दोबारा बनाया जा रहा है। हिमस्खलन और भूस्खलन से बचाव को 300 मीटर में बैरियर और ड्रेनेज का निर्माण चल रहा है।
अगले तीन माह में कार्य पूरा होगा। प्रधानमंत्री को ड्रोन से केदारपुरी के पुनर्निर्माण कार्य दिखाने के लिए पहले से रेकॉर्डिंग की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन इसे दिखाने की नौबत नहीं आई। ड्रोन ने बुधवार को अपना काम बखूबी शुरू कर दिया।
पीएम के निरीक्षण से पहले और बाद में हुई बर्फबारी
बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रोन कैमरे से निरीक्षण से पूर्व लगभग दो बजे केदारनाथ धाम में हल्की बर्फबारी हुई। निरीक्षण के उपरांत लगभग सवा चार बजे भी हल्की बर्फबारी शुरू हुई। हालांकि जिस दौरान पीएम मोदी ने ड्रोन कैमरे से निरीक्षण किया, उस दौरान बर्फबारी रुकी रही।