‘सुबह से चार बार PM मोदी ने मुझसे फोन पर की बातचीत’, CM योगी ने बताया प्रधानमंत्री से क्या हुई बात

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मंगलवार रात भगदड़ मच गई। हादसे में कई लोग घायल हैं। 

इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने घटना की समीक्षा की और तत्काल सहायता उपाय करने का निर्देश दिया।

सीएम योगी से चार बार फोन पर बात कर चुके हैं पीएम 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाकुंभ भगदड़ के बाद प्रयागराज में स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह से मुझे चार बार फोन किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नियमित अपडेट ले रहे हैं।”

लोगों को सभी स्वास्थ्य सेवाओं की मदद दी जाएगी: जेपी नड्डा  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री और बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने भी सीएम योगी से फोन पर बात की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से सभी स्वास्थ्य सेवाओं की मदद की जाएगी। 

कैसे मची भगदड़?

मौनी अमावस्या के मौके पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ बढ़ गई थी। भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोग सो रहे श्रद्धालुओं पर बैरिकेडिंग तोड़कर चढ़ गए। घटना और लगातार भीड़ बढ़ने के बाद, प्रशासन ने अखाड़ों से अपने अनुष्ठान स्नान को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया।

सीएम योगी ने अखाड़ों से बातचीत की 

अमृत स्नान न करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अखाड़ों से बात की। इससे अखाड़ों ने अमृत स्नान टाल दिया। सुबह पांच बजे श्री महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान करते। फिर जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर अखाड़ा के स्नान का समय था। इनके बाद वैष्णव संप्रदाय के दिगंबर अनी, निर्मोही अनी और निर्वाणी अनी स्नान करते। अंत में निर्मल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था।

संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें: सीएम योगी 

सीएम योगी ने कहा है कि जो मां गंगा के जिस घाट के समीप है, वहीं स्नान करे, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नान के लिए कई स्नान घाट बनाए गए हैं। कहीं भी स्नान किया जा सकता है। प्रशासन के निर्देशन का अनुपालन करें। व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें।

संगम क्षेत्र में स्थिति काबू करने में जुटी प्रशासन 

संगम तट से पहले बने द्वार के पास हुई भगदड़ के बाद स्थिति अनियंत्रित हो गई। कई श्रद्धालुओं की मौत और घायल होने से अफरातफरी मच गई। पुलिस, प्रशासन, आपदा प्रबंधन की टीम ने तत्परता दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। करीब तीन घंटे की बाद स्थिति को काफी नियंत्रित कर लिया गया लेकिन पूरी तरह से नियंत्रित करने में अफसर जुटे रहे। उधर, अखाड़ों ने अमृत स्नान करने से इन्कार किया और कहा कि वह मेला प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करेंगे।

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