2019 में पीएम मोदी ने जिनपिंग को दिया भारत आने का न्योता, कहा- होती रहेगी ऐसी मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को चीनी शहर वुहान में दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता की शुरू हो गई. मोदी चीन के समयानुसार दोपहर करीब 3.30 बजे हुबेई प्रांतीय संग्रहालय पहुंचे और 30 सेकेंड तक बड़ी ही गर्मजोशी से शी जिनपिंग से हाथ मिलाया.
शी और मोदी शाम छह बजे एक और बैठक में हिस्सा लेंगे. इस दौरान दोनों पक्षों का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहेगा. इसके बाद शी जिनपिंग की मेजबानी में रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा.
वार्ता के दूसरे दिन शनिवार को दोनों नेता ईस्ट लेक जाएंगे और नौका की सवारी करेंगे. इस दौरान ईस्ट लेक गेस्टहाउस में दोनों के बीच चर्चा भी होगी.
भारत और चीन के बीच 1962 का युद्ध हुआ था. इस तरह दोनों देशों के बीच आपसी अविश्वास का लंबा-चौड़ा इतिहास रहा है. साल 2017 में डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच हालात बहुत बिगड़ गए थे.
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हालांकि, चीन के वुहान शहर में मोदी और जिनपिंग के बीच यह अपनी तरह की अनोखी मुलाकात है, जो द्विपक्षीय संबंधों की नई शुरुआत का संकेत है.
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच ऐसा अनौपचारिक मुलाकातें और समिट एक परंपरा की तरह आयोजित होते रहने चाहिए. मुझे खुशी होगी, अगर 2019 में भारत में इस तरह की अनौपचारिक समिट का आयोजन हो.
– इससे पहले हुबेई म्यूजियम में रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया गया.
– उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया और न्यू एरा की कोशिश दुनिया के हित में है क्योंकि दुनिया की 40 फीसद आबादी इन्हीं दो देशों में रहती है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत-चीन मिलकर दुनिया को कई समस्याओं से निजात दिला सकते हैं.
पीएम मोदी ने याद किए पुराने दिन
– शी जिनपिंग से मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पुराने दिन भी याद किए. उन्होंने कहा, ‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मुझे वुहान आने का गौरव प्राप्त हुआ. मैंने यहां के बांध के बारे में बहुत सुना था. जिस स्पीड से आपने (शी जिनपिंग) बांध का निर्माण कराया, उसने मुझे प्रेरित किया. मैं एक स्टडी टूर पर आया था और बांध पर एक दिन बिताया.’
– पीएम मोदी ने कहा, ‘चीन और भारत की संस्कृति नदी के किनारों पर आधारित रही है. अगर हम मोहनजोदड़ो और हड़प्पा संस्कृति की बात करें, तो सारा विकास नदियों के किनारे ही हुआ है.’
– इस मुलाकात को ‘दिल से दिल को जोड़ने वाली पहल’ करार दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के कुछ अति विवादास्पद मुद्दों पर सहमति की राह खोजना है. मोदी और शी जिनपिंग शुक्रवार को दिन के भोजन के बाद अकेले में बैठक करेंगे.
– पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को स्थिर बना सकता है. चीनी सेना के मुताबिक, सीमाओं पर शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है और मतभेदों को सुलझा सकता है.
– साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा है. इसके बाद वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन जा सकते हैं.