किसान आंदोलन पर PM मोदी ने विपक्ष पर हुए हमलावर, बोले- कृषि कानूनों पर चल रहा भ्रम फैलाने का खेल
वाराणसी। पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंच गए हैं। पीएम मोदी पीएम मोदी एयरपोर्ट से सीधा वाराणसी के खजूरी पहुंचे, जहां उन्होंने सिक्स लेन हाईवे का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुना MSP देंगे।
इसी क्रम में पीएम मोदी ने कहा कि यह वादा केवल कागजों में ही नहीं पूरा किया गया है। बल्कि किसानों के बैंक खातों तक भी पहुचा है। आगे पीएम मोदी ने कहा कि हमने किसानों से वादा किया था कि हम यूरिया की काला बाजारी को रोकेंगे और किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया मुहैया कराएंगे। वहीं, बीते 6 साल में किसानों को भरपूर मात्रा में यूरिया मिल रही है, जिसकी कमी हमने नहीं होने दी है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पहले यूरिया ब्लैक में मिलता था, और किसानों पर लाठीचार्ज भी कराया जाता था। किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थी। लेकिन वो खुद मानते थे कि 1 रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते थे। लेकिन अब ऐसा कुछी भी नहीं है। हमारी सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले MSP तो घोषित होता था लेकिन MSP पर खरीद बहुत कम की जाती थी। MSP के नाम पर किसानों के साथ छल किया जाता था। किसानों के नाम पर बड़े-बड़े कर्जमाफी के पैकेज घोषित किए जाते थे लेकिन एक भी पैसा किसानों तक नहीं पहुंचता था। आज किसानों के मन में गलत भावनाएं जगाई जा रही हैं।
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हमारी सरकार जो कर रही है यह गलत है उसको लेकर समाज में कुछ तत्वों के जरिए भ्रम फैलाया जा रहा है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों से किसानों का खून चूसा है और लगातार उनके साथ छल कपट करते चले आ रहे हैं। बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि किसान आंदोलन कर कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आ गाए हैं। जिसका विरोध कर रहे हैं। अब विरोध का आधार फैसला नहीं है वल्कि भ्रम फैलाकर आशंकाओं को बनाया जा रहा है।
इसी क्रम में बढ़ते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकारें नीतियां बनाती हैं, नए कायदे—कानून बनाती हैं। नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही हैं। ये लोकतंत्र का हिस्सा हैं और भारत में हर किसी को अपनी आवाज उठाने की संपूर्ण स्वतंत्रता है। यह भारत की जीवित परंपरा है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। ऐसे में छोट किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं। क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए। क्या कोई पूराने तौर तरीकों को सही समझता है। उसपर कसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई है। अगर किसान को ऐसा कोई खरीददार मिल जाए, जो सीधा खेत से फसल उठाए और बेहतर दाम दे, तो क्या किसान को उसकी उपज बेचने की आजादी मिलनी चाहिए या नहीं? प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सालों में फसल बीमा हो या सिंचाई, बीज हो या बाजार, हर स्तर पर काम किया गया है। पीएम फसल बीमा योजना से देश के करीब 4 करोड़ किसान परिवारों की मदद हुई है।