पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति के लिए जरुर करें यह व्रत

आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इंदिरा एकादशी का व्रत रखने और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से भगवान श्री हरि विष्‍णु प्रसन्‍न होते हैं और पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। इंदिरा एकादशी व्रत को मोक्ष प्रदान करने वाला कहा गया है। इंदिरा एकादशी व्रत के पुण्य को पितरों को समर्पित करने से उनकी आत्मा तृ​प्त होती है और उनको जीवन मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।

इंदिरा एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के शालिग्राम रूप की पूजा की जाती है। इंदिरा एकादशी पर भगवान श्रीहरि की पूजा में पीले फूल, अक्षत और तुलसी अर्पित करें। इस दिन अपने पितरों के नाम से जरूरतमंदों को रोजाना के प्रयोग से जुड़ी वस्‍तुओं का दान करें। इस दिन भजन और कीर्तन करने से पुण्‍य की प्राप्ति होती है। इंदिरा एकादशी का व्रत रखने वालों को अन्‍न जल ग्रहण किए बिना भगवान श्री हरि विष्‍णु की पूजा करनी चाहिए। एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि से हो जाती है। दशमी तिथि को दिन ढलने के बाद कुछ नहीं खाएं। एकादशी के दिन गंगाजल पानी में मिलाकर स्नान करें। सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इस दिन भागवत गीत का पाठ करें। पितरों को दिया गया अन्न-पिंड गाय को खिलाएं। एकादशी के दिन गाय को हरा चारा अवश्य खिलाएं। द्वादशी के दिन अन्न का दान करें और फिर व्रत का समापन करें। एकादशी का व्रत पूर्ण करने के बाद चांदी, तांबा, चावल और दही में से किसी एक वस्‍तु का दान करें। एकादशी पर रात्रि जागरण करें और विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें। इंदिरा एकादशी का व्रत करने वालों को झूठ नहीं बोलना चाहिए और न ही किसी की निंदा करनी चाहिए। एकादशी पर चावल का प्रयोग न करें। मन को शांत रखें और ब्रह्मचर्य का पाालन करें। 

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