पर्वतीय क्षेत्र में नहीं प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा, लगा रहे मुंबई-दिल्ली की दौड़
कुमाऊं के चार पर्वतीय जिलों में प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा नहीं है। प्लास्टिक सर्जरी जेब पर भारी पड़ रहा है। मरीजों को सुपर स्पेशलिस्ट की कमी के कारण दिल्ली, मुंबई या चंडीगढ़ की दौड़ लगानी पड़ रही है। आने-जाने में ही मरीजों की किराये में भारी भरकम धनराशि खर्च हो जाती है। नगर में मेडिकल कॉलेज होने से लोगों को प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा मिलने की उम्मीद थी लेकिन मेडिकल कॉलेज में भी ये सुविधा शुरू नहीं हो सकी।
इसके अलावा बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत जिलों में भी किसी भी अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा नहीं है। प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत शरीर के जलने, दुर्घटना होने, जन्मजात तालू कटे होंठ से मुक्ति दिलाने के लिए पड़ती है।
पहाड़ के चार जिलों में करीब हर साल चार हजार से अधिक मरीज जलने, चेहरे और सिर, जन्मजात विकृति आदि की सर्जरी कराने के लिए महानगरों के चक्कर काटते हैं। पहाड़ के अस्पतालों में प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा न होने से मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही है।
जिले में जलने जैसे मामलों में प्राथमिक इलाज दिया जाता हैं। प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा नहीं है। इसके लिए समय- समय प्रयास किए जा रहे हैं।
– डॉ. आरसी पंत सीएमओ अल्मोड़ा
क्या हैं प्लास्टिक सर्जरी
प्लास्टिक सर्जरी एक चिकित्सा पद्धति हैं। इसमें शरीर के विभिन्न अंगों की विकृति और क्षति को ठीक करने के लिए सर्जिकल तकनीकों का उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी शरीर से विभिन्न अंगों की सुंदरता और अन्य में कारगर रहती हैं।
मेडिकल कालेज में प्लास्टिक सर्जन की तैनाती के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। उनकी तैनाती के बाद मरीजों को ये सुविधा मिलना संभव है।
– डॉ. सीपी भैसोड़ा प्राचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा