गहरे प्रेम में शारीरिक संबंध बलात्कार नहीं, हाईकोर्ट ने रेप आरोपी को बरी किया

बंबई उच्च न्यायालय की पणजी पीठ ने 27 वर्षीय एक व्यक्ति को बलात्कार के आरोपों से यह कहते हुए बरी कर दिया कि उसके और शिकायतकर्ता के बीच में ‘गहरे प्रेम’ संबंध थे. निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए योगेश पलकार ने उच्च न्यायालय का रुख किया था. निचली अदालत ने भादंवि की धारा376 ( बलात्कार) के तहत योगेश को दोषी करार देते हुए उसे10 साल की कैद और10,000 रुपए जुर्माना लगाया था.

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी वी भदांग ने17 फरवरी2018 को दिए अपने आदेश में पलकार को मामले में बरी कर दिया था. 25 वर्षीय एक महिला ने पलकार पर शादी का वादा कर उसके साथ नवंबर2013 में पहली बार उससे शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था. उसने पुलिस शिकायत में कहा कि दोनों के बीच दिसंबर2013 तक कई बार शारीरिक संबंध बने.

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महिला ने आरोप लगाया कि फरवरी2014 में उसने उसे नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और उसके निचली जाति का होने की बात कहते हुए शादी के वादे से मुकर गया. न्यायमूर्ति सी वी भदांग ने कहा कि महिला ने पहली बार शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी याचिकाकर्ता के साथ नकेवल संबंध कायम रखे बल्कि वह निजी कारणों एवं भावनाओं के चलते हलफनामा दर्ज कर शिकायत वापस लेने को भी राजी हो गई थी. उन्होंने कहा, ‘इससे साफ जाहिर होता है कि शिकायतकर्ता और दोषी के बीच गहरे प्रेम संबंध थे.’

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