फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है पर्वतारोहण

राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस हर साल 1 अगस्त को मनाया जाता है। राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस पर्वतारोहण के इतिहास और रोमांच की भावना की याद दिलाता है। यह दिन संयुक्त राज्य अमेरिका में खासतौर से मनाया जाता है। यह दिन पर्वत संरक्षण, सुरक्षा प्रथाओं और जिम्मेदार चढ़ाई के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी काम करता है। राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस के दिन कई संगठन कार्यशालाएं और पर्वतारोहण से संबंधित प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।

माउंटेन क्लाइम्बिंग में क्या चैलेंजेस आते हैं सामने?

माउंटेन क्लाइम्बिंग के दौरान सबसे बड़ी प्रॉब्लम होती है, वो है लगातार गिरते टेंपरेंचर में सर्वाइव करना। इसके अलावा चढ़ाई के दौरान हिमस्खलन और लैंड स्लाइड की घटनाएं भी बाधा बनती हैं।

तापमान में लगातार होने वाले बदलावों के चलते सेहत संबंधी कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

माउंटेन क्लाइम्बिंग में कई सारे उपकरणों की जरूरत पड़ती है और इनकी कीमत लाखों में होती है। 

पर्वतारोहण से पहले कर लें ये तैयारी

पर्वत पर चढ़ाई करने के लिए सबसे पहले अपनी बॉडी को तैयार करें। इसके लिए एक्सरसाइज के साथ डाइट पर भी फोकस करें।

क्लाइम्बिंग में बॉडी को आपके मेंटल सपोर्ट की भी जरूरत होती है। दिमाग है हार गए, तो कभी पर्वतारोहण में सफल नहीं हो सकते। इसके लिए एक्सरसाइज के साथ-साथ मेडिटेशन भी करें।

माउंटेन क्लाइम्बिंग में अपनी बैकपैकिंग को लाइट रखें। जिससे उसे लेकर कैरी करना हो, तो दिक्कत न हो।

तापमान के हिसाब से शूज, गल्वस, ग्लासेज आदि रखें।

क्लाइम्बिंग से किसी तरह के रिस्क से बचने के लिए रूट को ही फॉलो करें। 

पर्वतारोहण के फायदे

पर्वतारोहण से अनेक शारीरिक और मानसिक फायदे मिलते हैं।

यह एक बेहतरीन कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज है, जिससे हार्ट हेल्दी रहता है। 

माउंटेन क्लाइम्बिंग से मसल्स स्ट्रॉन्ग बनती है। 

दिमाग के काम करने की क्षमता बढ़ती है और तनाव कम होता है।

माउंटेन क्लाइम्बिंग से कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है।

माउंटेन क्लाइम्बिंग का जरूरी प्वाइंट्स

पर्वतारोहण से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी पड़ती है। इसकी फीस होती है। ट्रेनिंग और कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद बेस कैंप तक पहुंचते हैं और फिर वहां से आगे का सफर शुरू होता है।

ध्यान दें

पर्वतारोहण के कई सारे फायदे हैं, लेकिन आजकल इसके कई नुकसान भी देखने को मिल रहे हैं। इस शौक ने माउंट एवरेस्ट पर भीड़ बढ़ा दी है और साथ ही साथ कचरा भी, तो अगर आप भी एवरेस्ट चढ़ाई की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अपने एडवेंचर को पूरा करने के साथ पहाड़ को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी भी उठाएं।

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